ग्वालियर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि आज भारत सफलता की जिस ऊंचाई पर है, वह अभूतपूर्व है और पूरे विश्व में भारत की धाक जमी हुई है. उन्होंने कहा कि 23 अगस्त को भारत चंद्रमा पर वहां पहुंचा, जहां अब तक कोई देश नहीं पहुंच पाया था. वे यहां ग्वालियर के किले पर स्थित सिंधिया स्कूल के 125वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. वे लगभग ढाई घंटे वहां रुके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 अक्टूबर की शाम 4:30 बजे वायु सेवा के एयरपोर्ट पर उतरे और वहां कुछ मिनट रुकने के बाद 4:55 पर वायु सेवा के हेलीकॉप्टर से ग्वालियर के ऐतिहासिक किले पर स्थित सिंधिया स्कूल पहुंचे. प्रधानमंत्री शाम 5:00 बजे से 6:30 बजे तक का समय सिंधिया स्कूल परिसर में ही बिताया. ग्वालियर किले पर बनाए गए हेलीपैड पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सिंधिया स्कूल की गवर्निंग बॉडी के सदस्यों ने उनकी अगवानी की.

PM मोदी ने कहा, पहले सैटेलाइट सिर्फ सरकार बनाती थी या विदेश से मंगवाती थी, हमने स्पेस सेक्टर को आप जैसे युवाओं के लिए खोल दिया है. हमने डिफेंस सेक्टर को आप जैसे युवाओं के लिए खोल दिया है. आपको मेक इन इंडिया के संकल्प को आगे बढ़ाना है. हमेशा आउट ‘ऑफ द बॉक्स’ सोचिए” PM मोदी ने कहा, “आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है. आज भारत ग्लोबल फिनटेक एडॉप्शन रेट में नंबर 1 पर है. आज ही गगनयान के क्रू एस्केप सिस्टम का सफल परीक्षण किया गया. आज भारत के लिए कुछ भी असंभव नहीं है.” PM मोदी ने कहा, “…भारत गरीबी भी दूर करेगा और विकसित भी बनेगा. आज का भारत जो भी कर रहा है वह मेगा स्केल पर कर रहा है… आपके सपने और संकल्प दोनों बड़े होने चाहिए… आपका सपना ही मेरा संकल्प है…”

पीएम मोदी ने कहा, “हम ऐसा माहौल देना चाहते है कि जिसमे अवसरों की कमी न हो. मुझे युवाओं के सामर्थ्य पर विश्वास है. इनके संकल्प सिद्धि में बदलेंगे. आने वाले 25 साल जितने आपके लिए जरूरी हैं, उतने ही देश के लिए भी हैं.” हमारी सरकार के दौरान तीन तलाक़ कानून बना. नारी शक्ति वंदन अधिनियम दशकों से पेंडिंग था, बीते दिनों हमारी सरकार ने बड़े फैसले लिए. अगर हमारी सरकार ये नहीं करती तो इसका बोझ आपकी आने वाली पीढ़ी पर होता और हमने आपका ये बोझ हल्का कर दिया है.

साल 2014 में जब देश ने मुझे ये प्रधानसेवक का दायित्व दिया, तो मेरे सामने भी 2 ऑप्शन थे. या तो सिर्फ तात्कालिक लाभ के लिए काम करें या फिर लॉन्ग टर्म अप्रोच को अपनाएं. हमने तय किया कि हम 2 साल, 5 साल, 8 साल, 10 साल, 15 साल, 20 साल… ऐसे अलग-अलग टाइम बैंड रखकर, इनके लिए काम करेंगे. महाराजा माधो राव सिंधिया प्रथमजी की भी सोच तात्कालिक लाभ की नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को उज्जवल बनाने की थी. सिंधिया स्कूल उनकी इसी दूरगामी सोच का परिणाम था, वो जानते थे कि मानव संसाधन की ताकत क्या होती है. बहुत कम लोगों को पता होगा कि माधो राव जी ने जिस भारतीय परिवहन कंपनी की स्थापना की थी, वो आज भी दिल्ली में डीटीसी के रूप में चल रही है.

दो वजहों से ग्वालियर से मेरा विशेष नाता भी है: एक तो मैं काशी का सांसद हूं और काशी की सेवा करने में, हमारी संस्कृति के संरक्षण में, सिंधिया परिवार की बहुत बड़ी भूमिका रही है. सिंधिया परिवार ने गंगा किनारे कितने ही घाट बनवाए हैं, बीएचयू की स्थापना के लिए आर्थिक मदद की है. दूसरा कनेक्ट ग्वालियर से ये हैं की ज्योतिरादित्य गुजरात के दामाद हैं. पीएम मोदी ने कहा, “ऋषि ग्वालिपा, संगीत सम्राट तानसेन, श्रीमंत महादजी सिंधिया जी, राजमाता विजयराजे जी, अटल जी और उस्ताद अमजद अली खां तक, ग्वालियर की ये धरती, पीढ़ियों को प्रेरित करने वालों का निर्माण करती रही है.”

पीएम मोदी बोले, “मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं कि आपने मुझे यहां इस गौरवमयी इतिहास से जुड़ने का अवसर दिया. ये इतिहास सिंधिया स्कूल का भी है और इस ऐतिहासिक ग्वालियर शहर का भी है.” PM मोदी ने कहा, “… साल 2014 में जब देश ने मुझे प्रधानसेवक का दायित्व दिया तब मेरे पास 2 रास्ते थे- या तो सिर्फ तात्कालिक लाभ के लिए काम करें या दीर्घकालिक अप्रोच को अपनाएं… आज हमारी सरकार को 10 साल हो रहे हैं और इस दौरान देश ने दीर्घकालिक प्लानिंग के साथ जो फैसले किए वह अभूतपूर्व है.” सिंधिया स्कूल के 125वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में PM मोदी ने कहा, “हर बार ग्वालियर आना सुखद होता है. सिंधिया स्कूल के 125 वर्ष होने पर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई. आज आज़ाद हिंद सरकार का स्थापना दिवस भी है, मैं आप सभी को इसकी भी बधाई देता हूं.”