नई दिल्‍ली। छत्तीसगढ़ के मामले में मतदाताओं का गुस्सा केंद्र सरकार यहां तक कि राज्य के विधायकों के खिलाफ भी है, लेकिन बघेल के प्रति शायद ही कोई गुस्सा है। बघेल ने छत्तीसगढ़ में कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करना शामिल है, जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता या अभिभावकों को खो दिया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में कोविड महामारी के कारण माता-पिता खोने वाले बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने तथा उन्हें छात्रवृत्ति देने का फैसला किया है। ऐसे बच्चे, जिन्होंने अपने माता-पिता को इस वित्तवर्ष के दौरान कोविड संक्रमण के कारण खो दिया है, की पढ़ाई का पूरा खर्च अब छत्तीसगढ़ सरकार उठाएगी।

  पिछले साल, छत्तीसगढ़ ने लिंग गुणवत्ता पैरामीटर पर 43 अंक हासिल किए थे यह भारत में सातवें स्थान पर था। इस साल, इसने 61 स्कोर किया चार्ट में शीर्ष पर रहा। सीवोटर के संस्थापक यशवंत देशमुख ने कहा, सीएम की मुख्य कार्यकारी अधिकारियों वाली कार्यशैली लोकप्रिय है। लोग केंद्रीकृत निर्णय लेने वाले सीएम को पसंद कर रहे हैं। देशमुख ने कहा, ये ऐसे नेता हैं, जो दोष थोपे जाने से डरते नहीं हैं। जब चीजें गलत होती हैं तो यह जोखिम भरा होता है, जैसे कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के मामले में देखने को मिला है। लेकिन सीईओ शैली के लिए एक बेहतर रेटिंग है। हम एक संसदीय लोकतंत्र में रह रहे हैं, लेकिन एक राष्ट्रपति प्रणाली जनता के बीच लोकप्रिय हो रही है। सीवोटर ट्रैकर भारत का एकमात्र दैनिक ओपिनियन ट्रैकिंग एक्ससाइज है, जो एक कैलेंडर वर्ष में यादृच्छिक (रेंडमली) रूप से चुने गए 100,000 से अधिक उत्तरदाताओं का मानचित्रण (मैपिंग) करता है। ट्रैकर 11 भारतीय भाषाओं में चलाया जाता है, जिसने पिछले दस वर्षों में व्यक्तिगत रूप से सीएटीआई में 10 लाख से अधिक उत्तरदाताओं का साक्षात्कार लिया है। सीएम पर त्रैमासिक रिपोर्ट कार्ड सभी 543 लोकसभा सीटों में 30,000 से अधिक उत्तरदाताओं को कवर करता है इसमें राष्ट्रीय स्तर पर प्लस/माइनस 3 प्रतिशत राज्य स्तर पर प्लस/माइनस 5 प्रतिशत का एमओई (त्रुटि का मार्जिन) है।  

वहीं दूसरी ओर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 10.1 प्रतिशत के साथ मतदाताओं के न्यूनतम गुस्से के मामले में दूसरे स्थान पर हैं, लेकिन चूंकि वह एक नए सीएम हैं, इसलिए उन्हें संदेह का लाभ मिल रहा है, जबकि 61 प्रतिशत बड़े पैमाने पर राज्य सरकार से नाराज हैं। राज्य में पहले के मुख्यमंत्री नकारात्मक रेटिंग प्राप्त कर रहे थे, लेकिन अब यह कम हो गया है, हालांकि राज्य सरकार के खिलाफ गुस्सा अधिक है। ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक अपने खिलाफ 10.4 फीसदी राज्य सरकार के खिलाफ 37.6 फीसदी गुस्से के साथ तीसरे स्थान पर हैं। साथ ही कुछ राज्यों में सीएम बदलने से भी आंकड़ों में कुछ अंतर देखने को मिला है। पंजाब कर्नाटक को नए मुख्यमंत्री मिलने के साथ, राज्य सम्मानजनक स्कोर पर आ गए हैं, क्योंकि वे पहले निचले स्तर पर थे। लोगों का सबसे ज्यादा गुस्सा तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) को लेकर देखने को मिला है। कम से कम 30.3 फीसदी उत्तरदाता उनसे नाराज हैं बदलाव चाहते हैं। देशमुख ने कहा कि राज्य में सत्ताधारी के खिलाफ उच्च स्तर के गुस्से के साथ ही केंद्र सरकार की अच्छी रेटिंग को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) वहां पैठ बनाने के लिए तैयार है।

  उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि केसीआर के बेटे के.टी. रामा राव, उनकी जगह लें, वरना चीजें हाथ से निकल सकती हैं। साथ ही पूर्वोत्तर राज्य सामूहिक रूप से लोगों के 29.2 प्रतिशत गुस्से के साथ सूची में नीचे बने हुए हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ 28.1 फीसदी गुस्सा है, लेकिन इसका कारण यह है कि उत्तर प्रदेश एक ध्रुवीकृत राज्य है। देशमुख ने कहा, योगी की एक ध्रुवीकरण करने वाले व्यक्ति की छवि है, इसलिए यह आंकड़ा आश्चर्यजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि 40 फीसदी जनाधार का गणित यह सुनिश्चित करता है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा मजबूत स्थिति में है।

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