उज्जैन। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान  का कहना है कि नागरिकों को लोक सेवाएँ सरलता से समय-सीमा में उपलब्ध कराने की राज्य सरकार ने गारंटी दी है। इसी उद्देश्य से सीएम जनसेवा और मोबाइल गवर्नेंस सेवाओं को विस्तार दिया जा रहा है। साथ ही विभिन्न जन-सेवाओं की प्रदाय व्यवस्था को भी और अधिक पुख्ता किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री चौहान की जन-कल्याण की सोच का ही परिणाम है कि मध्यप्रदेश सरकार जनता को राहत पहुँचाने, फाइलों का बोझ कम करने, पारदर्शिता लाने और गैर-जरूरी प्रमाण-पत्रों की अनिवार्यता को खत्म करने के लिये शासन में ई-गवर्नेंस प्रणाली को लागू किया है। प्रणाली को दिनों-दिन अधिक प्रभावी रूप दिया जा रहा है। हाल ही में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 7 नए पोर्टल और 8 लोक सेवा केंद्र प्रारंभ किए हैं। इन पोर्टल से नागरिकों को मिलने वाली जन-सुविधाएँ बढ़ेगी और उनके कार्य आसान होंगे।

ई-रूपी व्यवस्था ई-वाउचर के रूप में
प्रदेश में ई-रूपी व्यवस्था को ई-वाउचर के रूप में लागू किया जा रहा है। ई-रूपी के माध्यम से सीधे हितग्राही को विशिष्ट प्रयोजन के उद्देश्य से कैश बेनिफिट ट्रांसफर किया जा सकेगा।
    
ऑनलाइन सुविधाओं का हो रहा विस्तार
राज्य शासन द्वारा नागरिकों को प्रभावी, पारदर्शी और त्वरित सुविधाएँ प्रदान करने के लिए ऑनलाइन प्रणाली को भी और अधिक सक्षम और व्यवस्थित बनाया जा रहा है। किसानों, महिलाओं, छात्र-छात्राओं, श्रमिकों, निराश्रितों, वृद्धों और हितग्राहियों आदि को योजना और आर्थिक मदद की राशि राज्य सरकार द्वारा सीधे उनके बैंक खाते में पहुँचाई जा रही है।

प्रदेश के सभी शासकीय विभागों में बिल पेमेंट की ऑनलाइन व्यवस्था लागू की जाएगी। सभी हितग्राहीमूलक योजनाओं के लिए आवेदन से लेकर हितलाभ वितरण या अंशदान देने की पूरी प्रक्रिया को भी ऑनलाइन किया जा रहा है। जन-सुविधाएँ और सेवाएँ, ऐप पर ही ऑनलाइन प्रदाय की जा रही हैं। हितग्राही चिन्हांकन और लाभ प्रदाय में पारदर्शिता को और बेहतर बनाया जा रहा है। उच्च शिक्षा विद्यार्थियों को काउंसलिंग, एडमिशन और छात्रवृत्ति प्रदाय आदि सेवाओं को शीघ्र ही पूरी तरह ऑनलाइन किया जाएगा।

मध्यप्रदेश में देश में पहली बार 2010 से लागू अपनी तरह के पहले और अनूठे लोक सेवा गारंटी अधिनियम में अधिसूचित सेवाओं को प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक पहुँचाने के लिए विकासखंड और तहसील स्तर पर कुल 430 लोक सेवा गारंटी केंद्र स्थापित हैं। इन केंद्रों से अधिनियम के दायरे में शामिल लोक सेवाओं का लाभ लिया जा सकता है।

अब उप-लोक सेवा केंद्र भी
अब राज्य सरकार ने नागरिकों को उनके निवास स्थान के नजदीक ही लोक सेवाएँ उपलब्ध करवाने के मद्देनजर नये उप-लोक सेवा केंद्र प्रारंभ करने का फैसला लिया है। कलेक्टर ये उप केन्द्र शुरू कर सकेंगे।

लोक सेवा केंद्रों पर शुरू हुई ई-कोर्ट सेवाएँ
प्रदेश सरकार ने अब न्यायालयीन सेवाओं को भी लोक सेवा केंद्रों से आम लोगों को उपलब्ध कराना प्रारंभ कर दिया है। नागरिक अपने नजदीक के लोक सेवा केंद्र से हाई कोर्ट और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के न्यायिक आदेश की सत्यापित प्रति प्राप्त कर सकते हैं। नवीन प्रकरण दर्ज करना और प्रकरण की स्थिति की जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है। प्रकरण से संबंधित शुल्क का भुगतान भी किया जा सकता है।

लोक सेवा केंद्रों से स्पीड पोस्ट द्वारा सेवाओं का प्रदाय
अब लोक सेवा केंद्रों द्वारा नागरिक सेवाओं के प्रमाण-पत्र और दस्तावेज स्पीड पोस्ट से उपलब्ध कराने की नई पहल की गई है। नागरिक अपनी सुविधा अनुसार निर्धारित राशि का भुगतान कर चाही गई सेवा का प्रमाण-पत्र या दस्तावेज स्पीड पोस्ट से अपने घर पर प्राप्त कर सकते हैं। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर (नगर पालिका सीमा) जिले के लोक सेवा केंद्रों से इसकी शुरुआत की जा रही है। अन्य जिलों में इसे शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा।

गृह विभाग के पोर्टल पर हो सकेगी ई-एफ.आई.आर.
प्रदेश में अब नागरिक ऑनलाइन ही संबंधित पुलिस थाने में चोरी संबंधी ई-एफ.आई.आर. से स्वयं ही रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं। ऐसा केवल ऐसे मामलों में ही किया जा सकता है, जिसमें वाहन चोरी 15 लाख से कम हो, सामान्य चोरी एक लाख से कम हो, आरोपी अज्ञात हो, घटना में चोट नहीं लगी हो तथा बल का प्रयोग नहीं हुआ हो। मध्यप्रदेश पुलिस की वेबसाइट या citizen portal https://citizen.mppolic.gov.in पर स्वयं को रजिस्टर कर रजिस्टर्ड आईडी से लॉगइन करके ही ई-एफ.आई.आर. दर्ज की जा सकती है। ई-एफ.आई.आर. आवेदन पर एफ.आई.आर. दर्ज होने के बाद आवेदक को विभिन्न चरणों की अद्यतन स्थिति एसएमएस एवं ई-मेल से प्राप्त होती रहेगी। आधार ई-साइन की सुविधा, आधार ई-साइन युक्त पावती की ऑनलाइन ई-मेल एवं एसएमएस से प्राप्ति की सुविधा और नागरिक पोर्टल से पीड़ित व्यक्ति को ई-एफ.आई.आर. की वर्तमान स्थिति की जानकारी प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी।

ऑनलाइन भूमि उपयोग प्रमाण-पत्र का प्रदाय
अब आवेदक अपने भूमि उपयोग प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन अनुरोध प्रस्तुत कर सकता है और सभी आवश्यक विवरण -निवेश, योजना क्षेत्र, गांव और खसरा नंबर दर्ज करके भूमि का उपयोग कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन पर देख सकता है। इसे नागरिक के स्वीकार करने पर और ऑनलाइन शुल्क का भुगतान करते ही मैप के साथ लैंड यूज़ सर्टिफिकेट प्राप्त होता है, जिसे नागरिक अपनी जरूरत के अनुसार डाउनलोड और प्रिंट कर सकते हैं। कोई भी एजेंसी टाउन एवं कंट्री प्लानिंग के ऑनलाइन लैंड यूज सर्टिफिकेट जनरेशन पोर्टल पर जाकर इस सर्टिफिकेट को एप्लीकेशन नंबर से सर्च कर डिजिटल वेरीफाई कर सकती है।

एमपी एग्रो का पोर्टल
एमपी स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा वर्तमान में विभिन्न शासकीय विभागों से प्राप्त क्रय आदेश के अनुरूप सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। इस प्रक्रिया को पारदर्शी और सुशासन की दृष्टि से सशक्त बनाने के उद्देश्य से पोर्टल का निर्माण किया गया है।

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