सीधी । मध्य प्रदेश के सीधी में कलेक्टर की जनसुवाई के दौरान पहुंचे एक युवक को ऊंची आवाज में बात करने पर कड़ी फटकार लगी. कलेक्टर ने युवक को जेल भिजवाने की धमकी तक दी. मौके पर मौजूद किसी ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
जनसुवाई के दौरान जब कलेक्टर साहब को आया गुस्सा
जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट परिसर में हुई जनसुनवाई एक फरयादी युवक अपनी परेशानी बताने के दौरान अचानक ऊंची आवाज में बात करने लगा. शुरुआत में चुप कराने की कोशिश की गई, लेकिन वह बोलता रहा और सवाल जवाब करने लगा. युवक की इस हरकत में कलेक्टर इतना नाराज हो गए कि युवक जेल भिजवाने की धमकी तक दे डाली.
सड़क निर्माण नहीं होने की शिकायत लेकर पहुंचा था
जानकारी के मुताबिक, ग्राम पंचायत रामपुर निवासी उपेंद्र तिवारी कलेक्ट की जनसुनवाई में पहुंचा था. युवक ने कलेक्टर, जिला पंचायत और जनपद सीईओ, सांसद और विधायक को शिकायती पत्र दिया था. इसमें उसने कहा था कि उसके गांव में साल 2019 में स्वीकृत गुलाब सागर नहर से नागेश्वर तिवारी के घर तक सड़क की मंजूरी दी गई थी.
अब तक सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है. इसका निर्माण पूर्ण करवाया जाए, ताकि लोगों को आने-जाने में असुविधा न हो. साथ ही उसने कई लोगों पर धांधली के आरोप भी लगाए. इस पर कलेक्टर ने कहा कि अगर आरोप में कुछ साक्ष्य हैं, तो उसे भी सामने लाओ.
आरोप, कोई कार्रवाई नहीं हो रही है
युवक ने कहा कि सुदूर सड़क की तरफ किसी भी अधिकारी-कर्मचारी का ध्यान नहीं गया. इससे खफा होकर मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में शिकायतकर्ता पहुंचा. युवक ने कलेक्टर साकेत मालवीय के समक्ष पहुंचा और कहने लगा कि कई बार आवेदन दे चुका हूं, लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही है.
युवक ने दी जहर खाने की धमकी
उपेंद्र तिवारी ने कलेक्टर साकेत मालवीय से कहा कि कई बार आवेदन दिया है. मगर, किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है. इस पर कलेक्टर ने कहा कि धीरे बोलो. साथ उपेंद्र सबके सामने जहर खाकर मरने की धमकी भी दी. तब कलेक्टर ने कहा कि एसपी को फोन कर इसे जेल भिजवाओ.
चिल्लाने से समस्या का हल नहीं होगा
इस मामले पर डीएम साकेत मालवीय ने कहा कि संविधान सभी को स्वत्रंता देता है. किसी पर आरोप लगाना आसान है. अगर किसी पर कोई भी आरोप लगा रहे हैं, तो उस पर कुछ बेसिक तत्व तो रखने होंगे. राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता आपकी है, उसका भी हल है. सिर्फ आकर चिल्लाने से किसी भी समस्या का समाधन नहीं हो सकता है.