नई दिल्ली: बिहार का मुंगेर जिला अवैध हथियार बनान और उसे सप्लाई करने के मामले में पूरे देश में कुख्यात है. अब मध्य प्रदेश इसका केंद्र बन गया है. चाहे लॉरेंस बिश्नोई गैंग हो या बमबीहा या फिर खालिस्तानी आतंकी ये सभी मध्य प्रदेश से आने वाले अवैध हथियार का अपने जुर्म के साम्राज्य को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. मध्य प्रदेश के कई जिलों में घुमंतू लोग पहाड़ी और जंगलों में आदिवासी लोगों को लेबर के तौर पर हायर कर उनसे पिस्टल, रिवॉल्वर कार्बाइन आदि तैयार करवा रहे हैं. इन हथियारों को 25 से 30 और 40 से 50 हजार रुपये में दिल्ली एनसीआर, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश के अपराधियों को सप्लाई किया जा रहा है.
पिछ्ले कुछ सालों में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच ने करीब 500 से ज़्यादा लोगों को गिरफ्तार कर करीब 6000 से ज्यादा अवैध हथियारों की खेप बरामद की है. अकेले बुलंदशहर पुलिस ने खुर्जा से करीब 200 हथियार तस्करों और बड़े-छोटे कारोबारियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. बता दें कि इससे पहले बिहार का मुंगेर अवैध हथियारों का गढ़ था, पर पिछले कुल सालों से मध्य प्रदेश अवैध हथियारों का देश में सबसे बड़ा गढ़ बन गया है. अब खुर्जा को भी बड़ा सेंटर बनाने में जुटे हैं.
मध्य प्रदेश में यहां बन रहे अवैध हथियार
जिला धार के गंधवानी कस्बे
जिला धार के मनावर कस्बे
जिला खरगोन के गो गांव
जिला खरगौन के सिगनूर कस्बे
जिला बरहानपुर के पांचोरी कस्बे
जिला सेंधवा के उमरत्ती कस्बे
जिला खंडवा
महेंद्र समीर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी केस में वांटेड है. उसपर 1 लाख के इनाम की भी घोषणा की गई है. गोगामेड़ी केस में वांटेड समीर ने ही हत्याकांड मे शामिल शूटर्स को हथियार मुहैया करवाया और अपनी पत्नी के घर रुकवाया था. पैसों का इंतजाम भी करवाया था. महेंद्र समीर राजस्थान का बड़ा हथियार सप्लायर है जो लॉरेंस विश्नोई गैंग के रोहित गोदारा को हथियार सप्लाई करता है.
तिहाड़ जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई के करीबी हाशमी बाबा गैंग को लंबे वक्त तक सलीम पिस्टल ही हथियारों की खेप देता था. दिल्ली में गैंगस्टर को अत्याधुनिक हथियारों की खेप पहुंचाने वाला सलीम पिस्टल ही है. सलीम ने सबसे पहले पाकिस्तान-नेपाल से आने वाले हथियारों को दिल्ली एनसीआर के गैंगस्टर तक पहुंचाना शुरू किया था.
लॉरेंस बिश्नोई का डोजियर बताता है कि उसकी रंजीत डुपला नाम के शख्स से दोस्ती हुई थी. वह पंजाब में हथियारों का तस्कर बताया जाता है. वह फिलहाल USA में रह रहा है. अमेरिका में ही ट्रांसपोर्ट का काम करता है. रंजीत डुपला से उसकी दोस्ती उसके एक जानकार फाजिल्का के जसविंदर रॉकी के मार्फत हुआ था. लॉरेंस बिश्नोई ने संपत नेहरा और काला जठेरी की जान-पहचान डुपला से करवाई, जिसने कई बार खतरनाक हथियार मुहैया करवाया.
अब जिस शख्स के बारे में आपको बता रहे हैं, वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग के हथियार नेक्सस का एक अहम किरदार है. इसका नाम दरमनजोत या दरमनजीत सिंह काहलों है. यह भगोड़ा है. दरमन जोत साल 2017 में अमेरिका भाग गया था. दरमन सिंह मूल रूप से तलवंडी अमृतसर का रहने वाला है. इसपर USA भागने से पहले पंजाब में कई आपराधिक मुकदमे दर्ज है.