आमतौर पर उबासी थकान की वजह से होती है. जो एक तरह की शारीरिक प्रक्रिया है. ज्यादातर उबासी तब और भी ज्यादा आती है, जब आप इसके बारे में पढ़ रहे होते हैं या दूसरों को उबासी लेते देख रहे होते हैं. उबासी आने के कारण कई हो सकते हैं. जो बहुत सी स्वास्थ्य स्थितियों से जुड़े हैं. रिसर्च के मुताबिक जब व्यक्ति की नींद पूरी नहीं होती या फिर किसी बात को लेकर थकान और तनाव होता है, तो उबासी सबसे ज्यादा सताती है.
इस दौरान व्यक्ति कभी-कभी सांस लेने में तकलीफ भी महसूस कर सकता है. साथ ही अपना ध्यान केन्द्रित करने में भी कठिनाई महसूस कर सकता है. मेडिकल न्यूज़ टुडे के मुताबिक अधिक उबासी आना या बार-बार उबासी आना किसी दवा के साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं. हालांकि इसकी और भी कारण हो सकते हैं जो इस प्रकार हैं.
नींद आने की समस्या : पूरी या पर्याप्त नींद लेने में परेशानी हो रही है तो, समान्य से ज्यादा उबासी आती है.
तनाव की समस्या : चिंता उबासी को सबसे ज्यादा ट्रिगर करती है. चिंता से दिल, सांस लेने में दिक्कत, सांस फूलने की समस्या सामने आती है. अगर आप चिंता में रहते हैं, तो उबासी ज्यादा आती है.
दवाइयों की वजह से : काफी लोग हैं, जो दवाओं का सेवन करते हैं. जिस वजह से ज्यादा उबासी भी आ सकती है. एंटीहिस्टामाइन, पेन किलर आदि के सेवन से उबासी आ सकती है.
दिल की बिमारी : ज्यादा उबासी आने का कनेक्शन वेगस नर्व की वजह से हो सकता है. जो दिमाग से दिल और पेट तक जाती है. रिसर्च के मुताबिक ज्यादा उबासी दिल के आसपास ब्लीडिंग या हार्ट अटैक की संभावना की ओर भी इशारा करती है.
स्ट्रोक की वजह से : जिन्हें स्ट्रोक की समस्या हुई हो तब भी अधिक उबासी आ सकती है. ब्रेन में चोट के बाद उबासी दिमाग और शरीर के तापमान को कंट्रोल और कम करने में मदद कर सकती है.
अगर नींद से जुड़ी समस्या है, जैसे इन्सोम्निया या डिप्रेशन तब इस स्थिति में अपनी नींद के समय में सुधार कर सकते हैं. अगर अधिक दवाओं की वजह से ऐसा है तो डॉक्टर से कम पावर की मेडिसिन के लिए पूछ सकते हैं और अगर किसी अंडर लाइंग हेल्थ कंडीशन की वजह से है तो डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है.