ग्वालियर। ग्वालियर जिले में गत दिनों लगातार तेज गति से चलाई जा रही कारों से राहगीरों को कुचलने की घटनाएं सामने आ रही है। यातायात पुलिस जहां वाहनों की छोटी सी गलती पर चालान काटने में मशगूल है वहीं स्मार्ट सिटी कारपोरेशन भी लाल बत्ती होने पर लाइन पर खडे होने वाले वाहनों के भी चालान काटकर इतिश्री कर रही है। लेकिन कोई भी वाहन चालकों को इस हाईटेक जमाने में मोबाइल से बात करने वाले एक भी वाहन चालक खासतौर पर कारों में मोबाइल पर बात करने वालों और दुपहिया वाहनों को कभी पकडा नहीं यदि किसी एक भी कार चालक या दुपहिया चालक के विरूद्ध कार्रवाई हो जाती तो इस प्रकार से लगातार कुचलने की घटनाएं नहीं होंगी।

जिले में लगातार दिनों से कार से कुचले जाने की घटनाएं सामने आई हैं। इन घटनाओं के पीछे सबसे बडा कारण सामने आया है वह है मोबाइल पर वाहन चलाते समय बात करना। यातायात पुलिस वैसे तो हेलमेट से लेकर लाइन क्रास कर जाने पर स्मार्ट सिटी से घर पर चालान भेज रही है, लेकिन किसी भी यातायात कर्मी ने किसी भी चार पहिया , या दुपहिया वाहन चालक चाहे पुरूष हो या महिला लडकी के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इतना ही जबसे मोबाइल आया है उसके बाद से कालेज स्कूल जाने वाली छात्र-छात्राएं , कोचिंग जाने वाले बच्चे, कार चलाने वाले चालक और वाहन मालिक घर से बाहर निकलते ही कान पर मोबाइल लगाकर बात करते हैं। वैसे यदि मोबाइल पर किसी को बात करना ही है तो वह अपना वाहन सडक पर एक तरफ खडा करे और उसके बाद कितनी भी देर बात करे। लेकिन इन दिनों यह एक स्टेटस सिंबल बन गया है कि घर से बाहर निकलते ही कान पर मोबाइल से बात की जाये। वह बात किससे और क्या होगी इसका कोई सरोकार नहीं है।

यातायात कर्मी भी केवल बाहर के नंबर की चौपहिया वाहनों को गिदद की नजर से देखकर उस पर चालानी कार्रवाई या कुछ दक्षिणा की फिराक में रहते हैं। वहीं वह दिन भर स्वयं अपनी डयूटी के दौरान मोबाइल पर बात करते नजर आ जायेंगे । वह कभी भी किसी चौपहिया वाहन चालक या फिर दो पहिया वाहन चालक जो मोबाइल पर स्टेटस सिंबल की तरह बात करते जाते हैं के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं करते। इसका कारण क्या होगा यह तो वह स्वयं जाने लेकिन बडे अधिकारी भी कभी इस ओर ध्यान नहीं देते हैं। वहीं इन दिनों कुचलने वाली घटनाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है। यातायात विभाग को चाहिये कि वह स्टेटस सिंबल वालों के विरूद्ध कार्रवाई करें तो संभवत: कुचलने जैसी घटनाओं में कमी आयेगी। देखना है कि अब यातायात विभाग ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये कदम उठायेगा और घटनाओं पर अंकुश लगायेगा इसका इंतजार रहेगा।