बालाजी दरबार पारदी मोहल्ला शिंदे की छावनी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में सुप्रसिद्ध भागवताचार्य पं.श्री घनश्याम शास्त्री जी महाराज ने बताया कि भागवत के तीसरे स्कंद के 21वें अध्याय में कर्दम और देवहूति के विवाह का प्रसंग आता है। यहां पर सांख्य योग प्रणेता भगवान कपिल मुनि के अवतार की कथा आती है।
उन्होंने आगे बताया कि ब्रह्मा की छाया से उत्पन्न कर्दम ऋषि को सृष्टि की वृद्धि के लिए पिता से आदेश मिला। एक दिन महाराज मनु महर्षि कर्दम के आश्रम पर पधारे और महर्षि कर्दम का महाराज मनु की कन्या देवहूति के साथ विवाह सम्पन्न हो गया। इसके बाद भगवान कपिल ने देवहूति के गर्भ से अवतार लिया शास्त्री जी ने बताया कि किसी भी स्थान पर बिना निमंत्रण जाने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि जहां आप जा रहे है वहां आपका, अपने इष्ट या अपने गुरु का अपमान न हो। यदि ऐसा होने की आशंका हो तो उस स्थान पर जाना नहीं चाहिए। चाहे वह स्थान अपने जन्मदाता पिता का ही घर क्यों हो। कथा के दौरान सती चरित्र के प्रसंग को सुनाते हुए कहा कि भगवान शिव की बात को नहीं मानने पर सती के पिता के घर जाने से अपमानित होने के कारण स्वयं को अग्नि में स्वाह होना पड़ा। इसलिए ध्यान रखें कि गलत फैसलों से तुरंत सुख भले मिल जाए पर
भविष्य में पछताना पड़ता ही है ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए कथा व्यास ने कहा कि सतयुग के दौरान अवधपुरी में राजा उत्तानपद राज किया करते थे। उनकी बड़ी रानी का नाम सुनीति था और उनके कोई संतान नहीं थी। देवर्षि नारद रानी को बताते हैं कि यदि तुम दूसरी शादी करवाओगी तो संतान प्राप्त होगी। रानी अपनी छोटी बहन सुरुचि की शादी राजा से करवा देती है। कुछ समय बाद सुरुचि को एक संतान की उत्पत्ति होती है। जिसका नाम उत्तम रखा। उसके कुछ दिनों के बाद बड़ी रानी भी एक बालक ध्रुव को जन्म देती है। 5 वर्ष बाद जब राजा उत्तम का जन्म दिन मना रहे थे तो बालक ध्रुव भी बच्चों के साथ खेलता हुआ उनकी गोद में बैठ गया, जिस पर सुरुचि उठा देती है और उसे कहती है कि यदि अपने पिता की गोद में बैठना है तो अगले जन्म तक इंतजार कर। बालक ध्रुव यह बात चुभ जाती है और वह वन में जाकर कठिन तपस्या करने लगते हैं। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु उन्हें दर्शन देते हैं और उन्हें मनचाहा वरदान देने का वचन देते हैं। कथा परीक्षित उमा जितेंद्र तिवारी बालाजी दरबार महंत नरेंद्र मिश्रा जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी ,रवि तोमर,राजू सेगर, विकाश गुप्ता,वंदना भूपेंद्र प्रेमी कथा में पधार कर आरती की