कई लोगों को अक्सर ही चक्कर आने की शिकायत होती है। ज्यादातर लोगों को ये समस्या सुबह या अचानक सोकर उठने के बाद महसूस होती है। आमतौर पर ये अपने आप ठीक हो जाता है और इसमें घबराने जैसी कोई बात नहीं होती है लेकिन अगर आपको बार-बार चक्कर आने या सिर घूमने की शिकायत रहती है तो ये किसी गंभीर बीमारी का भी संकेत हो सकता है।

हर लोगों को ये अलग-
अलग वजह से महसूस होता है। जैसे कि कुछ को भूख लगने से चक्कर आते हैं, अचानक सो कर उठने पर या फिर हैंगओवर की वजह से भी ऐसा महसूस होता है जैसे कि सिर घूम रहा हो। इसके अलावा ये माइग्रेन, डिहाइड्रेशन (dehydration) या फिर किसी इन्फेक्शन की वजह से भी हो सकता है।

UK के नेशनल हेल्थ सर्विस के कुछ डॉक्टर्स ने वीडियोज के जरिए इससे संबंधित काफी अहम जानकारियां दी हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि अगर आपको चक्कर आने के साथ ही धुंधला दिखाई देता है, चेहरे, हाथ या पैर सुन्न महसूस होते हैं तो आपको डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए। ये किसी गंभीर बीमारी का भी संकेत हो सकता है।

इन लक्षणों पर दें ध्यान
अगर आपको सिर घूमना बंद नहीं होता है या फिर चक्कर बार-बार आता है। आपको सुनने में दिक्कत महसूस होती है। या फिर कान में अजीब सी आवाज महसूस होती है। चेहरा या हाथ-पैर सुन्न महसूस हो, बेहोशी, सिर दर्द या फिर बीमार जैसा महसूस हो तो इन्हें बिल्कुल भी नजरअंदाज ना करें।

ब्लड प्रेशर कम होना-
आमतौर पर ब्लड प्रेशर (blood pressure) अचानक कम हो जाने पर चक्कर आते हैं। अगर आप अचानक उठते या खड़े होते हैं तो ये ज्यादा महसूस हो सकता है। ऐसा इसलिए महसूस होता है क्योंकि कभी-कभी हिलने-डुलने पर खून में कुछ प्रतिक्रियाएं देर से महसूस होती हैं। बुजुर्ग लोगों में पोस्टुरल हाइपोटेंशन (postural hypotension) की समस्या की वजह से भी ये महसूस हो सकता है। इस वजह से आने वाला चक्कर खड़े होने के बाद तीन मिनट या इससे ज्यादा देर तक महसूस हो सकता है।

पोस्टुरल हाइपोटेंशन यानी ब्लड प्रेशर के अचानक लो हो जाने से दिल की बीमारी, डिप्रेशन और डिमेंशिया (depression and dementia) का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट्स सोने या बैठने की पोजिशन में अचानक की बजाय धीरे-धीरे बदलाव लाने को कहते हैं। इसके अलावा अल्कोहल, भारी खाने, गर्म पानी से नहाने से बचें और सोते समय सिर को ऊपर करके सोएं। ब्लड प्रेशर को नॉर्मल रखने के लिए हर दिन कुछ एक्सरसाइज करें।

एनीमिया-
एनीमिया (anemia) एक ऐसी स्थिति है जहां शरीर में हर तरफ ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं नहीं होती हैं। ऑक्सीजन के बिना, शरीर में बहुत थकान और कमजोर महसूस होती है। ये थोड़े समय से लेकर लंबे समय तक भी रह सकता है। इसके सबसे बड़ी वजह शरीर में आयरन, विटामिन B12 और फोलेट की कमी होती है। इस कमी को सप्लीमेंट्स के जरिए भी पूरा किया जा सकता है।

धमनियों का बंद हो जाना-
डॉक्टर्स का कहना है कि थकान के साथ, सुनने में दिक्कत, धुंधला दिखाई देना, चेहरे या हाथ-पैर का सुन्न हो जाना धमनियों के बंद हो जाने का संकेत हैं। इसे एथेरोस्क्लेरोसिस भी कहा जाता है। यह तब होता है जब वसायुक्त पदार्थों की वजह से धमनियां सख्त और संकुचित हो जाती हैं। इसकी वजह से हार्ट अटैक भी आ सकता है।

अगर आपकी उम्र और वजन ज्यादा है, आप ज्यादा स्मोक ज्यादा करते हैं, जंक फूड खाते हैं, एक्सरसाइज नहीं करते हैं और ज्यादा अल्कोहल पीते हैं तो आपमें धमनियों के बंद हो जाने और इसकी वजह से चक्कर आने की संभावना ज्यादा हो सकती है। लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर इस समस्या से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है।

ब्रेन ट्यूमर-
कुछ गंभीर मामलों में चक्कर आना ब्रेन ट्यूमर का भी संकेत हो सकता है। ये ट्यूमर दिमाग के संतुलन पर नियंत्रण वाले हिस्से में बढ़ने लगता है। इसकी वजह से आपको संतुलन बनाने में दिक्कत होती है और आप बीमार महसूस करते हैं। हार्मोन में होने वाली गड़बड़ी की वजह से नजरें भी कमजोर होने लगती हैं।

दवाओं का साइड इफेक्ट-
कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट (Side effect) की वजह से भी कमजोरी या चक्कर जैसा महसूस होता है। जब शरीर में कोई नई दवा जाती है या ज्यादा डोज लेने से भी सिर घूमने लगता है। दौरे, डिप्रेशन, लो ब्डल प्रेशर की दवा और कुछ पेन किलर्स की साइड इफेक्ट की वजह से भी ऐसा होता है।

दिक्कत-
अगर आपको सिर घूमने के साथ-साथ सुनने में भी दिक्कत महसूस हो रही है तो ये कान के अंदर से जुड़ी समस्या भी हो सकती है। लेबिरिंथाइटिस और वेस्टिबुलर न्यूरिटिस (vestibular neuritis) दोनों में ही कान में सूजन हो जाती है। इससे सुनने मे कठिनाई हो सकती है। इसकी वजह से मितली और उल्टी भी हो सकती है। ये लक्षण अचानक से महसूस होते हैं और सामान्य महसूस होने में कुछ सप्ताह लग सकते हैं।

नोट – उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्‍य जानकारी के लिए हैं इन्‍हें किसी प्रोफेशनल डॉक्‍टर की सलाह के रूप में न समझें कोई भी बीमारी या परेंशानी हो तो डॉक्‍टर की सलाह जरूर लें ।