बैतूल, मध्य प्रदेश के छतरपुर में डिप्टी कलेक्टर पद से इस्तीफा देकर चर्चा में आईं निशा बांगरे अब सरकार से आर-पार के मूड में दिख रही हैं. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा भोपाल में सरकारी आवास पर कब्जा रखने को लेकर निशा को भेजा गया नोटिस इसके पीछे की वजह है.
दरअसल, निशा छतरपुर से पहले भोपाल में डिप्टी कलेक्टर के पद पर थीं. यहां उनको चार इमली इलाके में शासकीय बंगला नंबर F-5/20 आवंटित किया गया था. इसको उन्होंने F-5/27 से बदलवा लिया था. अब जो नोटिस भेजा गया है, उसमें कहा गया है कि भोपाल से रिलीव होने के बाद छतरपुर में डिप्टी कलेक्टर के पद पर ज्वाइन करने के बाद निशा ने F-5/27 बंगले को अपने कब्जे में रखा है.
‘नोटिस भेजने से साफ है कि षड्यंत्र रचा जा रहा’
इसी को लेकर वो सरकार से लड़ाई के मूड में दिख रही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार हमारे खिलाफ षड्यंत्र रच रही है. जिस तरह नोटिस निकाले जा रहे हैं, उससे ऐसा ही लग रहा है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. जब तक सेवाकाल में थी, तब तक एक भी नोटिस नहीं दिया गया. इस्तीफे के बाद नोटिस भेजने से साफ है कि षड्यंत्र रचा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि हमारा सर्व धर्म प्रार्थना का ही उद्देश्य था. विश्व शांति के लिए कार्यक्रम किया जा रहा था. सरकार की सोच संकीर्ण है. इस्तीफा देने के बाद आवास से जुड़ा नोटिस मिला. ट्रांसफर के बाद छतरपुर में सरकारी आवास नहीं मिला था, इसके कारण भोपाल के आवास में सामान रखा था.
‘हम जवाब मांगेंगे संपदा विभाग के पसीने छूट जाएंगे’
निशा ने कहा कि नोटिस महज बदला लेने की कार्रवाई है. ये और बौखलाहट का नतीजा है. ऐसे कई लोग हैं जो पात्र न होने के बाद भी आवास में रहते हैं. अगर हम जवाब मांगेंगे संपदा विभाग के पसीने छूट जाएंगे. हमारा तो हक बनता था.
आने वाला समय बताएगा कि क्या होगा’
वहीं, चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर उन्होंने कहा, “मेरे पास इसका जवाब नहीं है. मैंने इसको लेकर इस्तीफा भी नहीं दिया है. आने वाला समय बताएगा कि क्या होगा. सरकार के अन्याय के खिलाफ सभी मिलकर लड़ेंगे. फिलहाल तो मैं अपने अधिकारों के लिए, समाज के अधिकारों के लिए, सर्व धर्म के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रही हूं”.