सिंगरौली । मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों और कर्मचारियों का अमानवीय चेहरा सामने आया है. जिला अस्पताल से जांच के लिए एक गर्भवती को क्लीनिक भेजा गया. वहीं, प्रसव के बाद महिला  ने मृत बच्चे को जन्म दिया और उसे एंबुलेंस भी नहीं मिली. इससे आहत होकर मंगलवार को महिला का पति अपने नवजात बच्चे का शव मोटरसाइकिल में लगे डिग्गी में रखकर कलेक्टर ऑफिस पहुंचा. बैग में शव देख लोगों के होश उड़ गए. इसके बाद उस शख्स ने आपबीती सुनाई तो लोगों की आंखें भर आईं. मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के रहने वाले दिनेश भारती ने बताया कि उसकी पत्नी की डिलीवरी होनी थी. इसके लिए वह सिंगरौली जिला अस्पताल गया था. वहां के एक डॉक्टर ने प्रसव से पहले उसकी पत्नी को कुछ जांचों के लिए एक क्लीनिक में भेज दिया. यहां उसकी जांचें की गईं, जिसके लिए 5 हजार रुपये लिए गए.

नहीं मिली एंबुलेंस, किसी ने मदद भी नहीं की
जांच कराने के बाद वह पत्नी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा, जहां सोमवार को उसकी पत्नी ने मृत बच्चे को जन्म दिया. भारती का आरोप है कि उन्होंने पत्नी और मृत बच्चे को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस मांगी. लेकिन अस्पताल के अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनकी मदद नहीं की.

बैग से निकाला बच्चे का शव तो होश उड़ गए
बच्चे को खोने के गम और कर्मचारियों के अमानवीय व्यवहार से आहत होकर पीड़ित पिता मंगलवार को कलेक्टर ऑफिस पहुंचा. जैसे ही उसने मोटरसाइकिल में लगे बैग से बच्चे के शव को निकाला, वहां हड़कंप मच गया. अधिकारियों, कर्मचारियों और मौजूद लोगों के होश उड़ गए.

आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
इस घटना को लेकर सिंगरौली कलेक्टर राजीव रंजन मीणा ने कहा, “एसडीएम के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर आरोपों की जांच होगी. आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.”

अगस्त 2022 को भिंडः दबोह के मारपुरा गांव में एक बुजुर्ग की तबीयत बिगड़ जाने पर उसके बेटे ने कई बार 108 एंबुलेंस सेवा से संपर्क किया, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची. एंबुलेंस नहीं मिलने पर मजबूर बेटा हाथ ठेले पर बीमार पिता को सुलाकर 5 किलोमीटर दूर दबोह अस्पताल तक पहुंचा.

सितंबर 2022 को कटनीः कटनी जिले के बरही में खितौली रोड स्थित बराती ढाबा के सामने दो बाईक की टक्कर हो गई. इस दुर्घटना में गैरतलाई निवासी महेश बर्मन गंभीर रूप से घायल हो गया. बुरी तरह से जख्मी महेश दर्द से कराह रहा था. घटनास्थल पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. घायल को अस्पताल पहुंचाने के लिए लोगों ने 108 पर फोन कर एंबुलेंस को बुलाया. लेकिन आधे घंटे तक एंबुलेंस नहीं पहुंची. इसके बाद स्थानीय लोगों ने जेसीबी बुलाई और उसमें घायल को रखकर अस्पताल की ओर चल दिए. ये दो घटनाएं तो बनागी भर हैं. इससे पहले भी प्रदेश में इस तरह के कई मामले समाने आ चुके हैं जब स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खुली.