रायपुर। छत्तीसगढ के रायपुर में आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज ने कहा कि बिचारे वे होते हैं जिनके मस्तिष्क में अनेक विचार चलते हैं। राम तो नारायण ही थे, पर तीन खंड का स्वामी रावण प्रतिनारायण था। कहा जाता है रावण बिचारा मारा गया। यदि खोटे विचार न करता तो रावण बिचारा न होता। अच्छे विचार कर लेता तो रावण बिचारा न होता। वह भी राम के जैसा पूज्य होता। यह संदेश आचार्य विशुद्ध सागर ने दिगंबर जैन मंदिर में दिया।

आचार्य ने कहा कि प्रत्येक पुरुष और प्राणी को अपनी योग्यता का ध्यान रखना चाहिए। यदि आपका यश फैल रहा है तो 24 घंटे ध्यान रखना चाहिए कि मेरा यश फैला हुआ है। यदि यश का ध्यान नहीं रखोगे तो अपने मार्ग से चित हो जाओगे। यदि कीमत बनाकर रखी है तो उस कीमत का भान होना चाहिए। लोग बहुत ध्यान रखते हैं।