सड़क के बीच पशु दिखने पर मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की टिप्पणी ने नगर निगम और नगरपालिका के 60 साल से भी ज्यादा पुराने कानून में बदलाव करवा दिया। अब इस संशोधित एक्ट को राज्य सरकार आनन-फानन में अध्यादेश से लागू करने जा रही है। नए अध्यादेश में प्रावधान किया जा रहा है कि यदि सड़क पर पशु मिले तो मालिक को 100 गुना यानी पांच हजार रुपए तक जुर्माना भरना होगा। पहले यह सिर्फ 50 रु. तक था।
विधि विभाग ने नगरीय विकास विभाग के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। अब इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। जिन दो अधिनियम में बदलाव हो रहा है, उसमें नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 358 और नगरपालिका अधिनियम 1961 की 254 शामिल हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि चूंकि एक्ट संशोधित हो रहा है। इसे बजट सत्र में लाने की तैयारी थी, लेकिन वह समय से पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। इसीलिए अध्यादेश से संशोधित कानून लागू करेंगे।
चीफ जस्टिस ने बताया था गंभीर समस्या
बता दें कि अक्टूबर 2021 में चीफ जस्टिस भोपाल से जबलपुर जा रहे थे। तभी उन्हें सड़क पर पशु मिले। जबलपुर पहुंचकर उन्होंने टिप्पणी की कि ‘सड़कों पर पशु रहना गंभीर समस्या है। कितने दिनों से यह दिक्कत है, यह ठीक नहीं। जल्द ही समस्या का स्थाई समाधान होना चाहिए।’ इसी टिप्पणी के बाद राज्य सरकार हरकत में आई। उच्च स्तर पर बैठक के बाद एक्ट को संशोधित करने पर सहमति बनी।