मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी लोकेश कुमार जांगिड़ इन दिनों सुर्खियों में हैं। लोकेश कुमार को आईएएस अधिकारियों के एक निजी सोशल मीडिया समूह पर राज्य के नौकरशाहों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर चैट वायरल होने के बाद सरकार ने कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। साथ ही लोकेश जांगिड़ ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए 11 जून को डीओपीटी के सचिव और मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव को इंटर कैडर प्रतिनियुक्ति पर तीन वर्ष के लिए मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र जाने के लिए आवेदन किया है। लेकिन लीक पोस्ट में उन्होंने संकेत दिया है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त करने में असमर्थता के कारण उनका बार-बार तबादला किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया है कि साढ़े चार साल में उनका नौ बार तबादला हुआ है।

राज्य सरकार ने ‘अनुशासनहीनता’ के लिए अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया और एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने नोटिस की पुष्टि करते हुए कहा कि तबादला और तैनाती नियमित प्रशासनिक प्रक्रिया हैं।

मध्यप्रदेश में 2014 बैच के एमपी कैडर के आईएएस अधिकारी लोकेश जांगिड़ का 54 महीनों में 9 बार तबादला हुआ यानी लगभग हर 6 महीने में एक बार, अब उन्होंने अपने बीमार दादा और विधवा मां की देखभाल के लिए गृह राज्य महाराष्ट्र में तीन साल की प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन किया है।

हालांकि, सोशल मीडिया में आईएएस अधिकारियों के ग्रुप में किए गए उनके जो पोस्ट लीक हुए हैं वो कुछ और ही कहानी कहते हैं। उनकी लीक पोस्ट 54 महीनों में नौ पोस्टिंग के बारे में उनका दर्द बयां करती हैं, बावजूद इसके कि वे मैदान में लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। उनके लीक पोस्ट अधिकारियों के बीच बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को सहन करने में उनकी असमर्थता को भी जिम्मेदार ठहराते हैं, जिसके कारण उनका बार-बार स्थानांतरण हुआ है।

जांगिड़, जिन्हें बड़वानी जिले के अपर कलेक्टर पद से भोपाल में राज्य शिक्षा केंद्र में अतिरिक्त मिशन निदेशक के पद पर स्थानांतरित किया गया था, उन्होंने आईएएस अधिकारियों के ग्रुप में लिखा है, ‘बिहार में किसी ऐसे अधिकारी को कलेक्टर नहीं बनाया जाता जो पैसे बनाने में लगे रहते हैं, मध्यप्रदेश में इस मामले में जितना कम कहा जाए उतना अच्छा है।’

इसी ग्रुप में एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा है “मध्यप्रदेश में कार्यकाल की स्थिरता और सिविल सर्विस बोर्ड नामक संस्था एक चुटकुला है।” जांगिड़ ने आगे लिखा, “मैं रिटायरमेंट के बाद एक किताब लेकर आऊंगा और उम्मीद करता हूं कि सभी के सामने तथ्य लाऊंगा। अभी मेरे हाथ आचरण नियमों से बंधे हैं। दिलचस्प बात यह है कि जो लोग हर तरह के माफिया से पैसा निकालते हैं, उनका एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में स्थानांतरण होता है। और त्रुटिहीन ईमानदारी वाले लोग स्थानांतरण पर सचिवालय में फेंक दिए जाते हैं।”

2014 बैच के आईएएस अधिकारी ने बड़वानी जिले के अतिरिक्त कलेक्टर के पद से राज्य शिक्षा केंद्र, भोपाल में अतिरिक्त मिशन निदेशक के पद पर अपने हालिया स्थानांतरण के बारे में लिखा कि वर्तमान बड़वानी जिला कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने उनके (जांगिड़) सीएम शिवराज सिंह चौहान के कानों में जहर भरा क्योंकि वह (कलेक्टर) पैसा नहीं बना पा रहा था। उन्हीं पोस्टों में, आईएएस अधिकारी ने वर्तमान बड़वानी कलेक्टर और सीएम दोनों के एक ही किरार समुदाय से होने के बारे में लिखा। सीएम की पत्नी किरार महासभा की मुखिया हैं, जबकि बड़वानी कलेक्टर की पत्नी इसकी सचिव हैं।

युवा नौकरशाह ने वरिष्ठ नौकरशाहों की भी तीखी आलोचना करते हुए लिखा, “बेशक नौकरशाही में कौन है जो इन दिनों केवल नीरो के मेहमान हैं।” राज्य के आईएएस अधिकारियों के इस ग्रुप में एक वरिष्ठ नौकरशाह जांगिड़ को सलाह देते हैं कि वह कुछ शालीनता रखें और अपने सभी पोस्ट हटा दें, जिस पर युवा आईएएस अधिकारी यह कहते हुए जवाब देते हैं कि वह पोस्ट नहीं हटाएंगे और उन्हें ग्रुप से हटाया जा सकता है। बाद में उन्हें आईएएस ऑफिसर्स के इस निजी चैट ग्रुप से ग्रुप एडमिन ने हटा दिया।

जांगिड़ ने कहा कि “मध्यप्रदेश आईएएस एसोसिएशन का सिग्नल एप पर एक ग्रुप है ये तथ्य सही है कि ये पोस्ट मैंने ही किए थे। हालांकि ये एक क्लोजड ग्रुप है इसलिए इसमें क्या लिखा था, क्यों लिखा था इसकी जानकारी मैं आपको नहीं दे सकता। 54 महीने में 9 ट्रांसफर हुए ये बात सही है। मैंने पारिवारिक वजहों से महाराष्ट्र में तीन साल के लिए अंतर कैडर प्रतिनियुक्ति का अनुरोध किया है, परभणी मेरा गृह जिला है, 87 साल के मेरे दादाजी बीमार हैं, मेरी मां हैं इसलिए मैंने 11 जून को प्रतिनियुक्ति के लिये आवेदन दिया है।”

हालिया स्थानांतरण के बारे में पूछे जाने पर, जांगिड़ ने कहा, “स्थानांतरण और पोस्टिंग हर सरकार के विशेषाधिकार हैं। मुझे सरकार के बारे में शिकायत करने के लिए कुछ भी नहीं है। एसडीएम-विजयपुर के रूप में मेरी पहली पोस्टिंग के बाद से मेरे क्षेत्र असाइनमेंट श्योपुर जिले ने मुझे अत्यधिक संतुष्टि दी है, विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों में अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के साथ काम करने की संतुष्टि।” उधर इस मामले में सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए जांगिड़ को नोटिस जारी किया गया है।

मंत्री विश्वास सारंग बोले- अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं
बुधवार को कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि ट्रांसफर एक रूटीन प्रक्रिया है। यदि प्रशासकीय अधिकारी अपने ट्रांसफर को पूर्वाग्रह से ग्रसित कदम मानेगा, तो वह अपने और पद दोनों के साथ न्याय नहीं करेगा। उन्होंने कहा अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी अधिकारी द्वारा अपने सीनियर के साथ की हुई दूरभाष की बात को टैप करना गंभीर अपराध है।

सारंग ने कहा कि जिन अधिकारियों को लेकर कांग्रेस ट्वीट कर रही है, वह बताएं कि क्या उनकी 15 महीने की सरकार में इस अधिकारी को हटाने की बात नहीं की गई थी? उस समय कांग्रेस के लिए वह अधिकारी खराब थे, लेकिन आज शासकीय दृष्टि से उनका ट्रांसफर हो रहा है, तो कांग्रेस अधिकारी के पक्ष में बात कर रही है। जिस प्रकार से उन्होंने चैट को सार्वजनिक किया है, यह एक अपराध है। उन्होंने संपूर्ण व्यवस्था को लेकर जो शुद्धता और शुचिता की अपेक्षा की थी, उसकी अवहेलना की गई है।

सारंग ने कहा कि यदि कोई सोचता है कि वह व्यवस्था से बड़ा है, तो वह उसकी गलतफहमी है। व्यवस्था से बड़ा कोई नहीं हो सकता. जिस प्रकार से उन्होंने चैट को वायरल किया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। लोकेश कुमार जांगिड़ का साल 2016 से 2021 के बीच 9 बार तबादला किया जा चुका है। जांगिड़ की पोस्टिंग श्योपुर और शहडोल में बतौर एसडीएम की गई। उन्हें रेवेन्यू डिपार्टमेंट में अवर सचिव और नगरीय प्रशासन विभाग में उपसचिव पदस्थ किया गया। एडीएम गुना, सीईओ जिला पंचायत हरदा, अपर मिशन संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र में नियुक्त किया जा चुका है। इसके बाद उन्हें बड़वानी में अपर कलेक्टर बनाया गया था लेकिन यहां से भी उनका तबादला कर दिया गया और फिर उन्हें राज्य शिक्षा केंद्र में पदस्थ कर दिया गया था।

कांग्रेस से भी पूछा सवाल
सारंग ने कहा कि जिन अधिकारियों को लेकर कांग्रेस ट्वीट कर रही है, वह बताएं कि क्या उनकी 15 महीने की सरकार में इस अधिकारी को हटाने की बात नहीं की गई थी? उस समय कांग्रेस के लिए वह अधिकारी खराब थे, लेकिन आज शासकीय दृष्टि से उनका ट्रांसफर हो रहा है, तो कांग्रेस अधिकारी के पक्ष में बात कर रही है।

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