इंदौर, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए BJP उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी होने के बाद राजनीतिक हलचल मची हुई है. पार्टी ने अपने राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयगर्वीय को इंदौर-1 सीट से चुनावी मैदान में उतार दिया है. इसके बाद से उनके विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय के टिकट कटने की संभावना जताई जा रही है. अपने चुनावी भविष्य पर मंडरा रही धुंध को लेकर आकाश पार्टी के हर आदेश का पालन करने का दावा कर रहे हैं.

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के मैदान में नहीं उतारे जाने की अटकलों के बीच इंदौर-3 विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने कहा कि वह अपनी उम्मीदवारी पर पार्टी के आदेश का पालन करेंगे. वहीं, उन अटकलों के बारे में पूछे जाने पर कि टिकट के लिए अपना दावा वापस लेने के लिए पार्टीअध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा था, आकाश विजयवर्गीय ने कहा, “हम भाजपा के सिपाही हैं. पार्टी जो भी आदेश देगी, हम उसका पालन करेंगे. हम विधानसभा चुनाव भाजपा को जिताने के लिए काम करेंगे.”

आकाश विजयवर्गीय ने दावा किया कि पार्टी कार्यकर्ता इस बात से बहुत खुश हैं कि उनके पिता को टिकट मिला है क्योंकि वह एक विकास पुरुष हैं और जनता से उनका गहरा जुड़ाव है.BJP विधायक ने दावा, “मेरे पिता इंदौर-1 सीट कम से कम एक लाख वोटों से जीतेंगे. भाजपा आगामी चुनाव (230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा) में 150 से अधिक सीटें जीतेगी.”

इस बीच, इंदौर-1 के कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने चुनावी राजनीति में वापसी के लिए कैलाश विजयवर्गीय की आलोचना की और दावा किया कि विजयवर्गीय ने अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए अपने बेटे के करियर का बलिदान दिया है.आकाश विजयवर्गीय की भविष्यवाणी पर कि भाजपा कम से कम एक लाख वोटों के अंतर से सीट जीतेगी, शुक्ला ने कहा कि अहंकारी पिता और पुत्र लंबे समय से ऐसे बड़े दावे कर रहे हैं, लेकिन रावण का अहंकार भी टिक नहीं सका था.

गौरतलब है कि कैलाश विजयवर्गीय ने 1990 से 2013 के बीच इंदौर जिले की अलग अलग सीटों से लगातार छह विधानसभा चुनाव जीते. साल 2013 के चुनाव में उन्होंने महू सीट से कांग्रेस के अंतर सिंह दरबार को 12,216 वोटों के अंतर से हराया था. अब 10 साल बाद फिर कैलाश चुनावी मैदान में ताल ठोकने उतरे हैं.