देवास । मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी जल्द ही कांग्रेस का दामन थामेंगे. कैलाश जोशी जो कि बागली विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट से आठ बार विधायक रह चुके हैं और आजीवन बीजेपी में रहे. वहीं अब उनके बेटे दीपक जोशी मरणोपरान्त उनकी तस्वीर कांग्रेस कार्यालय ले जाने वाले हैं. दरअसल, दीपक जोशी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह अपने पिता की फोटो लेकर कांग्रेस के दरवाजे पर जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘मैं कांग्रेस से कहूंगा कि इन्हें स्थापित करना है तो करो, मैं आपके साथ हूं.’
दीपक जोशी ने बीजेपी पर उपेक्षा करने का आरोप लगाया है और इसलिए वह बीजेपी छोड़ 6 मई को कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे. पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक जोशी के इस फैसले से कांग्रेस उत्साहित है तो बीजेपी में खलबली मच गई है. मंगलवार को पूर्व मंत्री दीपक जोशी के यू टर्न लेने की बात सामने आई थी, हालांकि बाद में दीपक जोशी ने इसे खुद खारिज कर दिया. दीपक जोशी ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि वह 6 छह मई को कांग्रेस ज्वाइन करेंगे और साथ में अपने पिता स्व. कैलाश जोशी की तस्वीर लेकर भी जाएंगे.
दीपक जोशी छोड़ रहे हैं पिता का घर
दीपक जोशी ने कहा, ‘मैं अपने पिताजी का पारम्परिक मकान छोड़ रहा हूं. अब मैं भोपाल (Bhopal) में अपने बहनोई के घर रहूंगा. पूर्व विधायक जोशी ने कहा कि पिताजी भोपाल से सांसद रहे, लेकिन एक चीज का नामकरण भी उनके नाम पर नहीं किया. देवास में लंबी लड़ाई लड़ी, वहां भी नामकरण नहीं किया, आखिर ऐसा क्यों?. विचारधारा की बात नहीं है, जो पालेगा-पोसेगा अब मैं उनके साथ ही रहूंगा. कमलनाथ जी से प्रभावित हूं. उन्होंने सिर्फ तीन मिनट में ही पिताजी के स्मारक के लिए जमीन दे दी थी. बीजेपी ने 30 महीने में स्मारक को खडंहर बनाकर रख दिया.’
पूर्व सीएम इसलिए कहे गए संत
बता दें पूर्व सीएम कैलाश जोशी अपनी पार्टी बीजेपी में संत कहलाए जाते थे, उसकी वजह था कि 1967 से उन्होंने अपनी विधानसभा क्षेत्र बागली में बीजे का झंडा ऊंचा रखा. वह भोपाल लोकसभा सीट से सांसद भी चुने गए. बागली विधानसभा क्षेत्र बीजेपी का गढ़ है. यहां से साल 1962 में पहली बार कैलाश चंद्र जोशी भारतीय जनसंघ से विधायक चुने गए, इसके बाद 1967-1972 में भी जनसंघ से कैलाश जोशी विधायक बने. 1977 में जनता पार्टी से कैलाश जोशी विधायक बने, इसके बाद साल 1980, 1985, 1990 और 1993 में भी कैलाश जोशी बीजेपी की ओऱ से विधायक चुने गए. इसके बाद दीपक जोशी बीजेपी से विधायक निर्वाचित हुए. उन्हें मंत्री भी बनाया गया. हालांकि 2018 में वह चुनाव हार गए.