विश्वास ही नहीं हुआ कि शिवराज ने मेरा नाम पुकारा

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री चयन को लेकर पार्टी आलाकमान ने क्या तय किया इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं थी। विधानसभा की बैठक के बाद मैं अंतिम पंक्ति में अपने मित्र विधायकों के साथ हंसी-मजाक कर रहा था, तभी मेरे नाम का ऐलान हुआ। एकाएक मुझे विश्वास नहीं हुआ। मैं कुछ देर बैठा रहा। जब शिवराजजी ने मुझसे कहा कि मोहनजी आपको ही बुलाया जा रहा है तो मैं मंच पर पहुंचा। कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की बात पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं कमल की बात करता हूं, कमलनाथ की नहीं। मोदीजी के स्वर्णिम कार्यकाल में कई नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं और होते रहेंगे।

घोटाले की रिपोर्ट घर घर नहीं दे सकते
पटवारी घोटाले मामले में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य समिति ने इसकी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। जिस किसी को इसकी रिपोर्ट चाहिए वह आवेदन लगाकर ले सकता है। हम घर-घर रिपोर्ट नहीं दे सकते।

जब उमाजी ने मुझे डांटा
2003 के विधानसभा चुनाव में मुझे विधानसभा चुनाव का टिकट दिया गया था, लेकिन मैंने चुनाव लडऩे से इनकार करते हुए इसे लौटा दिया। तब उमाजी ने मुझे डांटा औेर कहा कि लोग पार्षद का टिकट नहीं लौटाते, आप विधायक का लौटा रहे हैं। ये ठीक नहीं है।