भोपाल, भारतीय जनता पार्टी के सीनियर नेता और राजनीति के संत कहलाने वाले कैलाश जोशी के पुत्र और पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने आज कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की. कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद दीपक जोशी ने कहा कि मेरे पिताजी ने जब पहला चुनाव लड़ा तब में माता के गर्भ में था, तब से लेकर अब तक वह 40 साल एक ही सीट से लड़े. मैंने छात्र राजनीति भी एक साफ सुथरे स्वभाव से की. कमलनाथ को लोग कहते है वह पूंजीपति हैं, बेटा उनकी पूंजी को बढ़ाता है. कमलनाथ अपने पिता की पूंजी को बढ़ा रहें हैं. मेरे पिताजी की पूंजी ईमानदारी थी.
शनिवार को जोशी ने भोपाल पहुंचने के बाद सबसे पहले शिवाजी चौक स्थित झरनेश्वर मंदिर में पूजा की और वहीं से लगभग 500 मीटर पैदल चलकर पीसीसी पहुंचे. इस दौरान उनके हाथ में अपने पिता की तस्वीर मौजूद रही. पीसीसी पहुंचने पर पीसीसी चीफ कमलनाथ ने जोशी को कांग्रेस पार्टी की सदस्यता दिलाई साथ ही मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराया. इसके साथ ही कमलनाथ ने कैलाश जोशी की तस्वीर को माला भी पहनाई. सदस्यता लेने के बाद दीपक जोशी ने शिवराज सिंह चौहान बीजेपी संगठन को आड़े हाथों लिया.
मैं नहीं लडूंगा चुनाव: दीपक जोशी
दीपक जोशी ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि मैं उस सीट से चुनाव नहीं लडूंगा जहां कांग्रेस का पहले से कार्यकर्ता और विधायक हो. सीएम शिवराज पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मैं उस पिच का खिलाड़ी, जिस पर शिवराज जीरो और में हीरो रहा हूं. जोशी ने कमलनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि कमलनाथ जी ने कैलाश जोशी जी स्मारक के लिए जमीन का आवंटन 3 मिनट में कर दिया.
2018 के बदल गई बीजेपी
जोशी ने कहा कि मैंने चुनाव हारने के बाद किसी की शिकायत नहीं की. 2018 से बीजेपी मे काफी बदलाव आया है. बीजेपी में मेरा कोई सुनने वाला नहीं था. पिछले 2 साल से कैलाश जोशी के स्मारक की मांग कर रहा था. मैं जनसंघ का दीपक हूं.
भ्रष्टाचार में कर्नाटक से आगे निकल गया एमपी
मध्य प्रदेश भष्टाचार के मामले में कर्नाटक से आगे निकल गया है. यहां 40 नहीं 80 फीसदी कमीशन देना पड़ता है. कॉलेज का नाम तक पिता जी के नाम नहीं रखा. ऐसा वहां के विधायक को खुश करने के लिए किया गया. कमलनाथ सरकार ने पिताजी के लिए जमीन आवंटित की. सिर्फ 3 मिनट मैं सब कुछ किया.
बीमार पत्नी की हाल-चाल नहीं जाना
बीजेपी के नेताओं ने पत्नी का हाल-चाल नहीं जाना. कांग्रेस के बड़े नेता हमेशा फोन लगाकर हालचाल पूछते थे. सही इलाज नहीं मिलने के कारण मेरी पत्नी का कोरोना के कारण मौत हुई.
शिवराज जहां पढ़े, वहां का मैं अध्यक्ष रहा
मुख्यमंत्री जहां से पढ़े वहां का मैं छात्र अध्यक्ष रहा. आप मुख्यमंत्री से पूछोगे कि आप जिस कॉलेज में पढ़े तो उसका अध्यक्ष कौन था तो उनको कहना पड़ेगा कि दीपक जोशी. मैं यहां सिर्फ अपमान के कारण आया. कोई राजनीतिक फायदे के लिए नहीं. छात्र राजनीति में मेरे साथ रहे अभी के कांग्रेस नेताओं ने मुझे कांग्रेस मे आने के लिए कहा था.
मैं जानता हूं कौन सी बॉल पर बिखरेंगी शिवराज की गिल्लियां: जोशी
जोशी ने आगे कहा कि मैं मुख्यमंत्री का भाई नहीं हूं, भले वो मुझे माने. घोटालों की बात करें तो कोई सुनने को तैयार नहीं है. मैं शिवराज सिंह चौहान की पिच के बारे में जानता हूं कि कौन सी बॉल पर उनकी गिल्लियां बिखरेंगी. वह मैं अच्छी तरीके से जानता हूं. अगर, कमलनाथ जी कहें, इशारा भर कहे तो मैं बुधनी के मैदान में कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में, जिसकी तलाश कांग्रेस पार्टी को है, उस विकेट को मैं लाकर दूंगा.
राजनीतिक संत की विरासत का सम्मान करूंगा: कमलनाथ
दीपक जोशी को कांग्रेस की सदस्यता दिलवाने कमलनाथ ने कहा कि राजनीतिक संत की विरासत का मैं सम्मान करूंगा. हमारी 3 दिन पहले बात हुई कांग्रेस में आने को लेकर. 10 साल तक कैलाश जोशी मेरे साथ संसद में रहे. मैं हमेशा सोचता था, राजनीति में इतने सीधे लोग कैसे हो सकते हैं. मैंने दीपक जोशी के लिए नहीं राजनीतिक संत के लिए जमीन आवंटित की.
आज हमें सोचना चाहिए राजनीति आज कहां पहुंच गई है. आज का दिन राजनीति के लिए ऐतिहासिक दिन है. सच्चाई का साथ देने वालों का कांग्रेस मे स्वागत है. जब दीपक जोशी ने कहा मुझे टिकट नहीं चाहिए तो आश्चर्य हुआ. आज कई टिकट के लिए आना चाहते हैं. बुधनी से टिकट पर बाद में फैसला होगा. मैं सौदे की राजनीति नहीं करता. सौदे से में अपनी गद्दी बचा सकता था. कई लोग मेरे पास आते थे उस वक़्त करोडों लेकर, ये बताने के लिए की बीजेपी से इतना पैसा दिया.