मुंबई, मणिपुर में हुए कुकी समाज की महिलाओं के साथ क्रूर हिंसा ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है. इस पूरे मुद्दे पर टीवी एक्ट्रेस देवोलीना भट्टाचार्जी ने अपना रिएक्शन दिया है. मैं असम से ताल्लुक रखती हूं. हम नॉर्थ ईस्ट का अहम हिस्सा है. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता था कि नॉर्थ ईस्ट में इस तरह के ईश्यूज को हम बचपन से ही सुनते आए हैं. हमारे स्टेट को हमेशा से इग्नोर किया गया है. हालांकि पिछले कुछ सालों में हम लाइमलाइट में आए हैं, जिसकी सबसे बड़ी वजह सोशल मीडिया है. मैंने जो वीडियो देखा है, मैं पूरी तरह सिहर गई थी, एकदम से सन्नाटा छा गया था. स्तब्ध हूं. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं इस हरकत की किस लेवल पर निंदा करूं. मैं जितना भी गुस्सा जाहिर कर दूं, वो कम ही पड़ने वाला है.
गिरे हुए लोग होंगे, जो जस्टिफाई करेंगे
देवोलीना आगे कहती हैं, मैं अच्छे से जानती हूं कि कुछ गिरे हुए लोग होंगे, जो इस हरकत को भी जस्टिफाई करेंगे और कारण देंगे. मेरा कहना है कि आपका कोई तर्क भी हो, लेकिन नीचता की इस हद तक कोई नहीं जा सकता है. उस जगह की हूं, जानती हूं कि मैईती और कुकी कम्यूनिटी में दिक्कतें हैं. लेकिन ये हरकत तो मानवता को शर्मसार करने वाली है. जब यह हरकत हुई थी, तो उस वक्त एक्शन क्यों नहीं लिया गया था. यह बहुत दुख की बात है कि आज हम उस समय में हैं, जहां किसी सेलिब्रिटी का एयरपोर्ट लुक दिखाने में पांच मिनट नहीं लेते हैं लेकिन इस इश्यू को लोगों के नजर में आने में दो महीने लग गए. यह दुख की बात है. शर्म आती है उनपर, जो इस कृत्य को छिपाने की बात करते हैं.
दो महीनों तक वीडियो को छुपाया क्यों
देवोलीना गुस्से में कहती हैं, तीन महीने से वहां लोग परेशान हैं, लेकिन कभी किसी ने आकर इसपर बात नहीं की है. हमारे प्रधानमंत्री ने आज रिएक्ट किया है. यह वीडियो 4 मई को शूट हुआ है, मैं मान ही नहीं सकती कि किसी एडमिनिस्ट्रेटिव को इस वीडियो की जानकारी नहीं होगी. इनफैक्ट वहां के आसपास के लोग भी अवेयर होंगे. हैरानी की बात है कि इतने गर्वनमेंट पार्टियों के लोग आए और उन्होंने इस मामले को देखा तक नहीं? अगर यह वीडियो का अंदाजा नहीं है, तो और भी शर्म की बात है कि आपके स्टेट में क्या हो रहा है और वहां की लड़कियों का क्या हश्र है, इसका इल्म ही नहीं है. जिस दिन ये चीजें हुई थी, हमारे स्टेट गर्वनमेंट को इसकी जिम्मेदारी लेते हुए एक्शन ले लेनी चाहिए थे. ऐसा तो नहीं होगा कि उस दिन वारदात हुआ और फिर कुछ हुआ ही नहीं हो. अभी वहां इंटरनेट बैन है, क्यों? ताकि आपको इन चीजों को छिपाना था? जिस चीज पर बैन होना चाहिए, वो तो करेंगे नहीं, लेकिन जिस चीजों को देखकर लोगों के बीच अवेयरनेस जगेगी, वो आपको दिखानी नहीं है. मुझे तो यही लग रहा है कि यह जानबूझकर इस वाकये को दबाने की कोशिश की गई है. मेरा डर तो यह है कि जब इंटरनेट वापस री-स्टोर होता है, तो न जाने कैसे और खौफनाक वीडियोज देखने को मिले.
हमेशा महिला को क्यों टारगेट किया जाता है
देवोलीना कहती हैं, डूब मरने वाली बात है कि इसमें भी लोग अपना एजेंडा निकाल रहे हैं. इसे राजनीतिक और कम्यूनिटी रंग देने की ही होड़ में लगे हैं. अरे भाई, वो लड़कियां है. इतने सारे मर्द चील की तरह उन लड़कियों पर टूट पड़ते हैं और उनके साथ ऐसी गिरी हुई हरकते करते हैं. क्या उन्हें किसी लॉ ऐंड ऑर्डर का खौफ नहीं है? मैं बहुत शर्मिंदा हूं कि मैं ऐसे स्टेट और ऐसे देश से ताल्लुक रखती हूं. क्यों अभी तक इस पर एक्शन नहीं लिया गया. हम एक सिस्टम, एडमिनिस्ट्रेशन के नाम पर फेल हो चुके हैं. आप अपना गुस्सा धरना लगाकर जाहिर कर सकते हैं. आपको क्या एक लड़की ही मिली, जिसे इस तरह भरे बाजार में तार-तार किया जाए? छी..
मुंह दिखाने लायक नहीं रही
देवोलीना आगे कहती हैं, मैं एक औरत होने के नाते शर्मिंदगी महसूस कर रही हूं. मुझे लग रहा है कि मैं किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रही कि हमारे देश, हमारे स्टेट में इस तरह का वारदात हुआ है. यार, यहां किसी के गले से चेन छिन कर ले जाया जाए, तो इंटरनेट पर दो सेकेंड में अपडेट मिल जाता है और उन मासूमों के साथ जो हुआ है, उसे हमें दो महीने में पता चल रहा है. लोग रोज चिल्ला रहे हैं कि मणिपूर के बारे में बोलो. इसके लिए एक्शन लो. जब हम खुद कुछ नहीं कर सकते हैं. शायद इसीलिए अपना गर्वनमेंट व लीडर चुनते हैं. हम वोट इसलिए ही तो करते हैं.
यही वो देश हैं, जहां महिलाओं की पूजा की जाती है
देवोलीना महिलाओं की सेफ्टी पर कहती हैं, ऐसा लग रहा है कि हम सौ-दो सौ साल पीछे चले गए हैं. समझ नहीं आ रहा है कि हम किस जमाने में रह रहे हैं. हरेक चीज में महिला ही क्यों पीसती है. उसकी ही बेईज्जती की जाती है. क्या हम उसी देश में रहते हैं, जहां महिलाओं को देवी माना जाता है. अरे हमारे स्टेट में तो महिलाओं के दम पर ही सोसायटी चलती है. उन दरिंदो के लिए कोई भी सजा कम है, कैपिटल पनिशमेंट भी कम है. आप कहते हैं लड़कियों को पूजा करो, उन्हें पढ़ाओ, उन्हें एम्पॉवर करो.. क्या इसी दिन के लिए ये सब करते हैं. मेघालय जैसी जगहों पर तो महिलाएं ही जीविका संभालती है. वहां लड़कियां रूल करती है. हम उन्हीं स्टेट का हिस्सा है. कमाल की बात है. बात तो देश के रिप्रेजेंटेशन की ही है, हम ऐसे देश में हैं, जहां महिलाओं की ईज्जत की धज्जियां उड़ाई जाती हैं. कोई कुछ बोल नहीं रहा है, वीडियो रेकॉर्ड कर रहे हैं.