भोपाल । यदि आपके बच्चों को फ्री फायर गेम की लत लग चुकी है तो गृह विभाग के बताए उपाय अपनाएं। गृह विभाग ने फ्री फायर गेम और मालवेयर अटैक से सावधान रहने की सलाह दी है। इसके साथ ही उसने इनसे बचने के लिए मेडिटेशन और व्यायाम करने जैसे टिप्स भी जारी किए हैं। साथ ही साइबर योद्धा बनने की अपील भी सरकार की ओर से की जा रही है।
गृह विभाग,सायबर अटैक और आॅन लाइन गैमिंग से बचने के लिए लोगों को टिप्स दे रहा है। खासकर उसका फोकस युवा और बच्चों पर है। गृह विभाग अपने से जुड़े सभी सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर टिप्स दे रहा है। गृह विभाग बता रहा है कि ‘यदि आपके घर में किसी को फ्री फायर गैम खेलने की लत है तो सावधान हो जाएं, आजकल बच्चे और युवा आॅनलाइन गेमिंग खासकर फ्री फायर की तरफ आकर्षित हो रहे हैं’ इसलिए ‘रात को मोबाइल फोन न चलाएं, मोबाइल को स्विच आॅफ कर अपने माता-पिता को दे दें, मेडिटेशन और व्यायाम करें, गेम की लत छोड़ने के लिए टाइम लिमिट सेट करें, दोस्तों के साथ समय बिताएं, घूमने जाएं और क्रिकेट, फुटबॉल में अपना मन लगाएं ’। वहीं मालवेयर अटैक से सावधान रहने की भी सलाह गृह विभाग दे रहा है। गृह विभाग ने सभी से अपील की है कि असत्यापित लिंक पर क्लिक न करें। इसके साथ ही सरकार ने साइबर योद्धा अपने की भी अपील की है।
इसमें भी कर रही अवेयर
इसके साथ ही गृह विभाग अपने सोशल मीडिया के जरिए साइबर क्राइम के अन्य तरीकों से भी लोगों को अवेयर कर रही है। इसमें ओटीपी के जरिए होने वाली धोखाधड़ी से सावधान रहने की सलाह दी जा रही है। वहीं क्यू आर कोड से घोटाले से भी सावधान होने की सलाह दी गई है। इसमें बताया गया है कि भुगतान प्राप्त करने के लिए किसी भी क्यू आर कोड को स्कैन न करें सावधान रहें और सुरक्षा टिप्स अपनाकर साइबर सुरक्षित रहें।
ऐसे दूर हो सकती है बच्चे के मोबाइल की लत
“ये सब रोकने के लिए हमें एक जागरूकता लानी पड़ेगी क्योंकि आज कल न्यूक्लियर फैमिली है। माता-पिता दो लोग ही होते हैं, तीसरा बच्चा जो कि फोन लेकर बैठा रहता है तो माता-पिता को भी बताना पड़ेगा कि कृपया एक दूसरे की मदद करें। जब माँ काम करे तो पिता बच्चे का ख्याल रखे उसे मोबाइल फोन देकर छुटकारा न पायें।” डॉ. शैली ने बताया।
“बच्चे को समय नहीं दे पाए तो उसे गैजेट दे दिया उसकी कोई चीज पूरी नहीं कर पाए तो उसे गैजेट दे दिया तो बच्चे को कहीं न कहीं ये लगने लगता है कि पॉवर अब हमारे हाथ में हैं आज हमें इस चीज के लिए गैजेट मिला है तो कल किसी दूसरी चीज के लिए कुछ और मिल जायेगा अब तो हर चीज में मेरी सुनवाई हो जाएगी। देखिये अगर आपके पास परिवार है तो आपको समय देना पड़ेगा।”, डॉ अमित कहते हैं।
डॉ अमित आगे बताते हैं कि अगर बच्चों को मोबाइल की लत से छुड़ाना है तो सबसे पहले उसके सामने फोन का प्रयोग बंद करना होगा क्योंकि बच्चे देख कर बहुत जल्दी सीखते हैं। आप अपने समय और प्यार को की जगह किसी गैजेट को देखा पीछा न छुड़ायें। अगर आपका बच्चा बहुत ज्यादा एडिक्ट हो गया है तो किसी मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक के पास जाकर सलाह लें।
डॉक्टरों की सलाह:
3 साल तक के बच्चे को किसी भी तरह की स्क्रीन टीवी-मोबाइल से दूर रखें।
बच्चे के साथ ज्यादा वक्त बिताएं ताकि उससे मोबाइल पर समय न बिताना पड़े।
मोबाइल लत के लक्षण- भूख कम लगना, चिड़चिड़पान, नींद का कम आना, झगड़ालू, किसी चीज में मन न लगना, गुस्सा आना।