नई दिल्ली: तीन दिन बाद देश में एयरपोर्ट टर्मिनल के लोकार्पण को लेकर इतिहास बनने जा रहा है. 10 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर में एक साथ 16 एयरपोर्ट टर्मिनल का लोकार्पण करने जा रहे हैं. सबसे खास बात ये की इसमें मध्य प्रदेश के 2 टर्मिनल एक ग्वालियर और एक जबलपुर शामिल हैं. इस संबंध में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर कलेक्ट्रेट में बैठक के बाद दी है.

एयरपोर्ट टर्मिनल के उद्घाटन को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कलेक्ट्रेट में बैठक ली. इसके बाद उन्होंने बताया कि ग्वालियर चंबल अंचल के साथ देश में इतिहास रचा जा रहा है. 75 वर्षों प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पहली बार एक नहीं दो नहीं बल्कि 16 विमानतल का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया जाना है. 10 तारीख को सुबह 9 बजे से यह कार्यक्रम प्रारंभ होगा. इसमें प्रधान मंत्री वर्चुअल जुड़ेंगे.

उत्तर प्रदेश में 7, श्रावस्ती, मुरादाबाद, चित्रकूट, अलीगढ़, आजमगढ़, लखनऊ और वाराणसी में एक-एक विमानतल का शिलान्यास है. मध्य प्रदेश में 2, मध्य प्रदेश में दो विमानतल ग्वालियर और जबलपुर का लोकार्पण है. महाराष्ट्र में 2, महाराष्ट्र में दो विमानतल पुणे एवं कोल्हापुर का लोकार्पण है. पंजाब में 1, पंजाब में एक विमानतल आदमपुर का लोकार्पण है. कनार्टक में 2, कनार्टक में दो विमानतल हुबली एवं बेलगावी का शिलान्यास है. आंध्र प्रदेश में 1, आंध्र प्रदेश में एक विमानतल कडप्पा का शिलान्यास है. दिल्ली में विश्व के दूसरे सबसे बड़े विमानतल का लोकार्पण होने जा रहा है.

ग्वालियर के नए एयरपोर्ट के यह विशेषता है कि यह नागर विमानन के 75 वर्षों के इतिहास सबसे कम समय में बन पाया है. 16 अक्टूबर 2022 को देश के गृहमंत्री अमित शाह द्वारा इसका शिलान्यास किया गया था. 10 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन कर रहे हैं. 16 विमानतल में कुल मिलाकर 16 से 18 हजार करोड़ के शिलान्यास एवं लोकार्पण प्रधानमंत्री करने जा रहे हैं. ग्वालियर में प्रदेश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बना है. इसमें इतिहास भी होगा संस्कृति होगी. ग्वालियर की कला की झलक होगी.

गुना आदि क्षेत्र में ओलावृष्टि पीड़ित किसानों से मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि उनके निर्देश पर प्रशासन ने तीव्र गति से कार्य किया. गुना में करीब 29 गांव के 8500 किसान प्रभावित हुए. अशोकनगर में 81 गांव तीनों विधानसभा के कई किसान प्रभावित हुए. शिवपुरी में कई गांव प्रभावित हुए हैं. इतिहास में पहली बार 48 घंटे के अंदर मुआवजा राशि स्वीकृति पत्र एक-एक किसान हाथ पहुंच गया.