भोपाल। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अन्य पिछडा वर्ग के ओबीसी आरक्षण मामले में सुनवाई 25 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी है। इस बीच कोर्ट ने 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर पूर्व में लगी अन्तरिम रोक को भी बरकरार रखा है।

न्यायमूर्ति शील नागू की अध्यक्षता वाली युगलपीठ (double bench) के समक्ष गुरुवार को ओबीसी आरक्षण वाले मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य शासन की ओर से पीएससी से जुड़े प्रकरणों में माॅडिफिकेशन पर बल देते हुए समय मांगा गया। कोर्ट ने मांग मंजूर कर ली। याचिकाकर्ता पक्ष की ओर से इस मामले की नियमित सुनवाई की व्यवस्था की मांग रखी गई, जिसे फिलहाल स्वीकार नहीं किया गया।

ओबीसी आरक्षण से जुड़ी 62 याचिकाओं की सुनवाई बेंच उपलब्ध न होने के कारण बुधवार को नहीं हो सकी थी। इसलिए इन याचिकाओं की सुनवाई गुरुवार को रखी गई थी। राज्य में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किए जाने की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली 32 याचिकाएं तथा 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के समर्थन में दायर 30 याचिकाओं की सुनवाई 23 जून को हुई। इन याचिकाओं में से सामान्य वर्ग के याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी, शासन की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह विशेष व अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर और विनायक शाह ने पैरवी की।