भोपाल। प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों को आईटी के उापयोग के लिए दक्ष बनाने के लिए राज्य सरकार हर कर्मचारी को प्रशिक्षित करेगी और इसके लिए अब सेल्फ लर्निंग और सेल्फ असिसमेंट पर आधारित मेपआईटी के आॅनलईन प्रशिक्षण मॉडयूल लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग किया जाएगा।
मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सुशासन सेक्टर में राज्य सरकार ने दफ्तर में काम करने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को आईटी में दक्ष बनाने की सिफारिश की थी। प्रदेश में कोरोना महामारी के बाद दफ्तरों में सोशल डिस्टेंसिंग, वर्क फ्रॉम होम का कल्चर भी तेजी से बढ़ा है। राज्य सरकार चाहती है कि कोरोना या अन्य संक्रामक बीमारियों के समय भी सरकारी कामकाज की रफ्तार कम नहीं हो। इसलिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की इस सिफारिश पर अगले तीस दिन में सभी विभागों को कार्यवाही करने को कहा गया है।
मेप आईटी ने अधिकारियों ंऔर कर्मचारियों के आईटी कौशल उन्नयन हेतु आॅनलाईन प्रशिक्षण मॉडयूल लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया है। यह सेल्फ लर्निंग सेल्स असिसमेंट पर आधारित है और पूरी तरह नि:शुल्क है। सभी कर्मचारियों को इसके लिए लिंक भेजा गया है। इसमें ई शिक्षा डॉट एमपी डाट जीओवी डॉट इन पर जाकर कर्मचारी अधिकारी यह प्रशिक्षण ले सकते है । यह प्रशिक्षण 15 घंटे का है। इसमें प्रशिक्षण के लिए कार्यालय और विभाग में उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया जाएगा। आॅनलाइन टेस्ट के जरिए सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की एकजाई जानकारी सामान्य प्रशासन विभाग को भेजी जाना है।
किसी भी कर्मचारी को ई-दक्ष बनाने के लिए उसे एमएस आॅफिस, यूनिकोड, इंटरनेट और ईमेल,डाटा स्केनिंग, डिजिटल सिगनेचर के लिए प्रशिक्षण देने निजी संस्थाएं साढ़े पांच हजार रुपए लेती है। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए सुशासन से जुड़ी सिफारिश के लिए जब कर्मचारियों को आईटी दक्ष बनाने के लिए कार्यवाही शुरु करने को कहा गया तो शिवपुरी के जलसंसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री गिरीश साहू ने अधीष्क्षण यंत्री को कर्मचारियों को ई दक्ष बनाने के लिए 33 कर्मचारियों की सूची भेजकर उनके लिए प्रत्येक कर्मचारी के हिसाब से पैकेज प्रशिक्षण शुल्क साढ़े पांच हजार रुपए की भी मांग कर ली। इसमें आने वाले खर्च को देखते हुए मेप आईटी से नि:शुल्क कोर्स डिजाइन कराया गया है।
प्रदेश के कर्मचारियों को तीन अक्टूबर 2019 और 28 दिसंबर 2019 को एक दिन का प्रशिक्षण सुशासन के लिए ई-दक्ष बनाने दिया गया था लेकिन उससे कर्मचारी पूरी तरह प्रवीण नहीं हो पाए थे। कई विभागों में आॅनलाईन काम करने में कर्मचारियों को दिक्कत आ रही है।