नई दिल्ली । मूसलाधार बारिश और बाढ़ से उत्तर भारत के सात राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली में भारी तबाही हुई है। हिमाचल, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। पहाड़ टूट रहे हैं और सड़कें बह रही हैं। सोमवार को बीते 24 घंटे में विभिन्न राज्यों में 44 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हिमाचल में 20 लोगों की मौत हुई है। वहीं वर्षाजनित हादसों में उत्तर प्रदेश में आठ मौतें हुईं।

जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे समेत 900 से अधिक सड़कें बंद हैं। हजारों लोग रास्तों में फंसे हैं। दिल्ली में भी सोमवार को यमुना खतरे के निशान को पार कर गई। निचले इलाके खाली कराए जा रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक में हालात का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावितों की मदद के लिए सभी जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री ने हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू व उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से बात कर हरसंभव मदद का भरोसा दिया। इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने हिमाचल में मंगलवार से भारी बारिश के दौर से कुछ राहत मिलने की संभावना जताई है।

प्रभावित राज्यों में एनडीआरएफ की 39 टीमें तैनात की गई हैं। पंजाब में 14, हिमाचल में 12, उत्तराखंड में 8 और हरियाणा में 5 टीमें शामिल हैं। वहीं, राजस्थान में सिरोही, अजमेर, पाली और करौली समेत 14 जिलों में भारी बीते 24 घंटे में माउंट आबू में सबसे ज्यादा 231 मिमी बारिश दर्ज की गई।

हिमाचल में अब तक 4,000 करोड़ का नुकसान
लगातार तीन दिन से हो रही भारी बारिश से हिमाचल में भारी तबाही हुई है। अब तक 59 लोगों की मौत हो चुकी है और 4,000 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। कुल्लू-मनाली, मंडी और प्रदेश के ऊपरी इलाकों में हजारों लोग फंसे हुए हैं। अधिकतर जिलों में बिजली, फोन और इंटरनेट सेवा भी ठप है। कुल्लू में बादल फटने से 100 बीघा जमीन खड्ड में बदल गई। मनाली में कई वाहन बह गए। मंडी में ब्यास नदी उफान पर है। 113 घर खाली कराए गए। सात नेशनल हाईवे और 828 से ज्यादा सड़कें अब भी बंद हैं। ट्रेन और हवाई सेवाएं ठप हैं। जगह-जगह 403 बसें फंसीं हैं। हिमाचल हाईकोर्ट की सोमवार-मंगलवार छुट्टी कर दी गई है। डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। श्रीखंड महादेव की पवित्र यात्रा भी स्थगित कर दी गई है।

पंजाब में 50 गांव खाली कराए, सेना की तैनाती
पंजाब में बाढ़ की स्थिति के चलते पांच जिलों में 50 गांवों को खाली कराया गया है। लोगों को गुरुद्वारों में रखा गया है। जालंधर की फिल्लौर पुलिस अकादमी में सतलुज नदी का पानी घुस गया है। चंडीगढ़ में तीन दिन में 450 मिलीमीटर बारिश हुई। मोहाली व पटियाला में सेना तैनात की गई है। फतेहगढ़ साहिब के कॉलेज में पानी भरने से कई विद्यार्थी फंस गए, जिन्हें सुरक्षित निकाला गया है। राहत कार्य में एनडीआरएफ की टीमें लगी हैं। 17 ट्रेनें रद्द हुईं। दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे एक को बंद कर दिया गया है।

राजधानी दिल्ली में बाढ़ का खतरा
राष्ट्रीय राजधानी में यमुना का पानी खतरे के निशान 205.88 मीटर को पारकर गया। यमुना किनारे के इलाकों से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। मंगलवार तक जल स्तर के 206.65 मीटर को पारकर जाने की संभावना है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों से आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए हैं। भारी बारिश को देखते हुए दिल्ली के प्राइमरी स्कूल मंगलवार को बंद रहेंगे। इसके अलावा, एमसीडी के सभी स्कूल भी बंद रहेंगे।

उत्तराखंड में बदरीनाथ हाईवे समेत 100 से ज्यादा सड़कें बंद
बारिश और भूस्खलन के चलते बदरीनाथ नेशनल हाईवे समेत 100 से ज्यादा सड़कें बंद हैं। सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान के पास बह रही है।

हरियाणा में रिकॉर्ड बारिश से तबाही
लगातार तीसरे दिन बारिश ने हरियाणा के जीटी बेल्ट के जिलों में सबसे ज्यादा तबाही मचाई। छह जिलों के 600 से ज्यादा गांवों में बारिश का पानी भर गया। बारिश के कारण हुए अलग-अलग हादसों में नौ लोगों की मौत हो गई। बारिश और बाढ़ से सबसे ज्यादा अंबाला जिला प्रभावित हुआ है। तीन दिन में 451 एमएम बारिश होने से शहर का 40 फीसदी हिस्सा जलमग्न हो गया। अंबाला शहर में जलभराव के बाद लोगों को निकालने में सेना की भी मदद ली गई।