भोपाल. भारी बारिश ने मध्य प्रदेश में हाहाकार मचाया हुआ है. लगातार बारिश होने से नदियां उफान पर हैं और चारों ओर जलप्रलय दिखाई दे रही है. लोगों ने घरों में पानी घुस गया है और हाईवे बंद हो गए हैं. जिलों की सड़कें जलमग्न हैं. इस वजह से यातायात ठप हो गया है. भोपाल में पिछले 48 घंटों से लगातार बारिश हो रही है तो, नर्मदापुरम में नर्मदा उफान पर है. यह खतरे के अलार्म से महज 2 फीट नीचे बह रही है. भारी बारिश से करीब-करीब हर जिले में तबाही मची हुई है. भोपाल सहित कई जिलों में स्कूलों की छुट्टी कर दी दई है. प्रशासन अलर्ट पर है और कई जगह निचली बस्तियों में लोगों से सावधानी बरतने की अपील कर रहा है.

मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के बाद नर्मदापुरम जिले और आसपास के क्षेत्रों में जोरदार बारिश का सिलसिला जारी है. भारी बारिश और डैम से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण नर्मदा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. सोमवार शाम नर्मदा का लेवल 962 फीट पर पहुंच गया, जो डेंजर अलार्म लेवल से महज 2 फीट कम है. वर्तमान में नर्मदा का जलस्तर 962 फिट पहुंच गया है, जो डेंजर अलार्म लेवल से 2 फीट कम है. नर्मदापुरम में डेंजर अलार्म लेवल 964 फीट है और 967 फीट डेंजर लेवल है. नर्मदा का जलस्तर 967 फीट होने पर निचले क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बनने लगती है.

नर्मदापुरम हाई अलर्ट पर
प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिले में हाई अलर्ट जारी किया है और 15 डिस्ट्रिक रिस्पांस टीम तैनात की हैं, जिससे आपदा की स्थिति निर्मित होने पर लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके. लगातार बारिश के कारण नदी नाले भी उफान पर हैं. तवा डैम के बैक वॉटर के कारण नागपुर-भोपाल नेशनल हाईवे पर यातायात बंद हो गया है. प्रशासन के मुताबिक डैम का लेवल मेंटेन होने तक भोपाल-नागपुर नेशनल हाईवे इटारसी रूट से बंद रहेगा. इस दौरान वाहनों को बैतूल से डायवर्ट किया गया है.नर्मदापुरम में भारी बारिश के कारण जिला प्रशासन ने स्कूलों में अवकाश घोषित किया है. प्रशासन ने निचले क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बनने पर राहत शिविर के स्थान भी चिन्हित कर लिए हैं, जहां लोगों को शिफ्ट किया जा सकेगा. बाढ़ की संभावना के मद्देनजर कलेक्टर नीरज सिंह और एसपी गुरकरण सिंह ने पुलिस और प्रशासनिक अमले के साथ नर्मदा घाटों सहित शहर के निचले इलाकों का जायजा लिया.

खरगोन-राजगढ़ में आफत
खरगोन जिले (Khargone District) में लोगों के घरों और दुकानों में पानी घुस गया है. यहां आम जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. भारी बारिश की वजह से सड़क तालाब में तब्दील हो गई है. वहीं राजगढ़- राजगढ़ जिले के नरसिह गढ़ में मूसलाधार बारिश के चलते नगर की निचली बस्तियों सहित मुख्य बाजार व कई दुकानों पानी भरा गया. इसके चलते लोगो को भारी परेशानी हुई. बारिश की वजह से आस पास के नदी-नाले उफान पर होने से कई गांवों के मार्ग बंद हो गए हैं.

मंडला में नदी-नाले उफन पर
मंडला जिले में कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से सभी नदी-नाले ऊफान पर हैं. यहां थावर नदी पर बने बांध का गेट खोल दिया गया है. इसकी वजह से मंडला-सिवनी-नागपुर मार्ग पर बना थावर पुल जल मग्न हो गया है. यह पुल पिछले करीब 22 घंटे से जल मग्न है. इसके चलते आवागमन बाधित है. मंडला-सिवनी- नागपुर मार्ग 22 घंटे से बंद है. आलम यह है कि दोनों ओर वाहनो की लंबी कतार लग गई है. वहीं, मंडला डिंडोरी मार्ग पर बने खाल्हे डिठौरी में जोखे नाला में उफान उफान आ गया है. यहां नाला से करीब तीन फिट ऊपर बह रहा है. इसकी वजह से मंडला-डिंडौरी मार्ग में आवागमन बाधित हो गया है. दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई हैं.

डिंडौरी में हालात खराब
डिंडौरी जिले (Dindori District) में पिछले 5 दिनों से हो रही तेज बारिश के चलते सभी नदी-नाले उफान पर हैं. डिंडौरी से नेवसा मार्ग में रोरा नदी में बाढ़ का पानी पुल के ऊपर से बह रहा है. इसके कारण कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. पुल बाढ़ में डूब जाने के कारण करीब 4 घंटे से मार्ग में आवागमन पूरी तरह से बाधित है, लिहाजा मुसाफिर काफी परेशान नजर आ रहे हैं. लगातार हो रही तेज बारिश से जनजीवन प्रभावित हो गया है.

मंदसौर में मंदिर जलमग्न
मंदसौर में भगवान पशुपतिनाथ जलमग्न हो गए. शिवना नदी का पानी पशुपतिनाथ मंदिर के गर्भ गृह में घुस गया. पशुपतिनाथ भगवान के चार मुंह पानी में डूब गए. बता दें, यहां देर रात से तेज बारिश हो रही है. कई निचली बस्तियों में भी पानी घुस गया. कचनारा और धमनार में निचली बस्तियों को खाली करवाया गया.