मध्यप्रदेश में एक बार फिर बारिश का दौर शुरू हो गया है। अगले 2 दिन जोरदार बारिश होने वाली है। भोपाल में सोमवार शाम से शुरू हुआ बारिश का दौर मंगलवार को भी जारी है। इंदौर में रात 9 बजे से 11 बजे तक जोरदार बारिश हुई। छिंदवाड़ा भी सोमवार सुबह से भीग रहा है। मौसम विभाग ने सिस्टम के एक्टिव रहने से भोपाल, सागर, जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने बताया, बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया बना है। इसके चलते अगले दो दिन तक कुछ जगहों पर भारी बारिश होने के आसार हैं। सोमवार को सिस्टम जबलपुर संभाग में पहुंच गया। इसका असर भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम में अधिक देखने को मिला। कहीं तेज तो कहीं रिमझिम बारिश हुई। मंगलवार को सिस्टम सागर और भोपाल के बीच में रहेगा। इस कारण भोपाल, सागर, जबलपुर और नर्मदापुरम में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है, जबकि ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन संभाग समेत अन्य जिलों में रिमझिम बारिश होगी। अगले दो दिन यानी 14 सितंबर तक सिस्टम एक्टिव रहेगा।

20 से ज्यादा जिलों में हुई बारिश
प्रदेश में सोमवार को जमकर बारिश हुई। भोपाल-इंदौर समेत 20 से ज्यादा जिलों में पानी गिरा। सबसे ज्यादा बारिश खंडवा में रिकॉर्ड की गई। वहीं, भोपाल, इंदौर, नरसिंहपुर, पचमढ़ी, दमोह, बैतूल, मंडला, रायसेन, उमरिया, खरगोन, नर्मदापुरम, जबलपुर, रतलाम, छतरपुर, रीवा, उज्जैन, सीधी, छिंदवाड़ा, सागर और राजगढ़ में भी बारिश हुई। 12 सितंबर से दूसरा सिस्टम एक्टिव होने के कारण प्रदेशभर में बारिश हो रही है।

पचमढ़ी में तीन इंच पानी गिरा
नर्मदापुरम में सुबह से बादलों की आवाजाही शुरू है। पचमढ़ी में 24 घंटे में 3 इंच बारिश हुई है। तवा डैम में जलस्तर में बढ़ोतरी होने से मंगलवार सुबह 7 गेट खोल दिए गए। सुबह 7:30 बजे तक 3 गेट खुले थे। इसके बाद 2 गेट और खोले गए। लगातार पानी बढ़ने से 9.30 बजे 2 गेट खोल दिए गए। सोमवार से 3 गेट खुले थे। 5 गेट 5 फीट तक खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। अशोकनगर में भी सुबह बारिश हुई। यहां 7 बजे आधे घंटे तक रिमझिम बारिश का दौर चला। सीहोर में भी रात में तेज बारिश हुई। शिवपुरी जिले के करैरा में रात से ही रिमझिम बारिश का दौर जारी है। बैतूल में भी रात में तेज पानी गिरा। यहां सुबह से रिमझिम हो रही है।

7 साल में सबसे कम बारिश सितंबर में
जुलाई-अगस्त में झमाझम बारिश होने के बाद सितंबर में अब तक कोई भी स्ट्रॉन्ग सिस्टम नहीं होने के कारण 11 दिन से अच्छी बारिश नहीं हुई है। ऐसे में प्रदेश के कई इलाकों जैसे, ग्वालियर, दतिया, निवाड़ी, रीवा, सीधी, झाबुआ और अलीराजपुर की स्थिति खराब हो गई है। इस साल सितंबर में अब तक बीते 7 साल में सबसे कम बारिश हुई है। अब तक कुल 2.16 इंच पानी ही गिरा है। साल 2019 में 17.48 बारिश हुई थी। यह बीते 10 साल में सबसे ज्यादा थी। हालांकि, अगले दो दिन तेज बारिश होने से बारिश के आंकड़ों में सुधार हो सकता है।

कोटे से 5 इंच बारिश ज्यादा, बढ़ेगा आंकड़ा
मध्यप्रदेश में 1 जून से अब तक करीब 40 इंच बारिश हो चुकी है। सामान्य रूप से अब तक 35 इंच बारिश होना चाहिए। यह सामान्य से 16% ज्यादा है। पूर्वी मध्यप्रदेश की स्थिति ज्यादा ठीक नहीं है। छतरपुर, दमोह, डिंडौरी, जबलपुर, कटनी, पन्ना, रीवा, सतना, सीधी, शहडोल, सिंगरौली, उमरिया और टीकमगढ़ में सामान्य से कम बारिश हुई है। हालांकि सिर्फ रीवा और सीधी ही दो ऐसे इलाके हैं, जहां पर अभी तक कोटे की 70% तक बारिश नहीं हुई है। पश्चिमी मध्यप्रदेश में दतिया (32%) अलीराजपुर (30%) और झाबुआ (26%) ही ऐसे इलाके हैं, जहां पर बारिश का कोटा सामान्य से कम रहा है। इसके अलावा धार, मुरैना और ग्वालियर, में सामान्य से कम बारिश हुई है। दो दिन अच्छी बारिश होने की संभावना के चलते आंकड़ों में और भी बढ़ोतरी हो सकती है।