इंदौर। इंदौर लोकायुक्त की टीम ने धार जिले के राजोदा थाने में पदस्थ एक प्रधान आरक्षक एवं उसके सहयोगी को साढे 22000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। इंदौर लोकायुक्त एसपी राजेश शाहय ने बताया कि ग्राम झिनझापाडा निवासी नानूराम वसारी पिता नारायण तहसील सरदारपुर धार ने लोकायुक्त कार्यालय को शिकायत की थी कि राजोदा थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक बने सिंह परमार द्वारा मारपीट के एक प्रकरण में फिर में दर्ज नाम हटाने के बदले 50000 की रिश्वत मांगी जा रही है। जांच की गई तो वह सत्य पाई गई।

दरअसल गांव में 14 मार्च को भजन संध्या थी जिसमें शामिल होने के लिए नानूराम गांव गया था। और अगले दिन लौटा था। उसे दौरान गांव में भगवान सिंह भमर और सुरेश ओसारी के बीच विवाद हुआ था। भगवान सिंह ने इस दौरान नानूराम और परिवार के अन्य सदस्यों के नाम भी झूठे लिखा दिए थे। जब नानूराम थाने गया तो उससे पुलिसकर्मी ने₹50000 मांगे थे और कहां था की उसका नाम हटा दिया जाएगा। साडे ₹22000 में सोदा तय हुआ था।

कल पुलिसकर्मी ने अपने साथ साथी भारत डामर पिता पुणे डामर निवासी पंच महुआ तहसील सरदारपुर को रिश्वत लेने भेजा था। जिसने जैसे ही रिश्वत ली। उसे लोकायुक्त निरीक्षक राहुल गजभिये की टीम ने दबोच लिया।