भोपाल । मध्यप्रदेश के स्कूलों में शिक्षक के रूप में चयनित आधा दर्जन अभ्यर्थियों ने एक ही समय में दो-दो डिग्रियां हासिल कर ली। कुछ ने एक जगह नियमित तो दूसरी जगह स्वाध्यायी प्रवेश लेकर डिग्री हासिल की तो कुछ ने एक कदम आगे बढ़कर दो अलग-अलग स्थानों पर नियमित प्रवेश लेकर डिग्रियां हासिल कर ली। दस्तावेजों की पड़ताल में इसका खुलासा हुआ तो अब उन सभी की नियुक्तियां निरस्त कर दी गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भोपाल जिले के खजुरिया रामदास गांव बैरसिया के मोहन साहू की नियुक्ति इसी साल उच्चतर माध्यमिक शिक्षक गणित के पद पर, उमावि बरखेड़ा हसन सीहोर में की गई थी। दस्तावेजों की पड़ताल में पाया कि मोहन साहू ने वर्ष 2010-11 में एमएससी गणित तथा बीएड बीयू भोपाल की उपाधि नियमित छात्र के रूप में एक ही वर्ष में उत्तीर्ण की है। यूजीसी केअनुसार एक ही सत्र में दो डिग्रियां प्राप्त करना मान्य नहीं है। मोहन साहू से उनका पक्ष जानने के लिए उन्हें सुनवाई का मौका दिया लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए। उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी गई।
दूसरा मामला राजगढ़ जिले के प्रतापपुरा नाहली पचोर निवासी मुकेश कुमार लववंशी का है। लोक शिक्षण संचालनालय ने अक्टूबर में उच्चतर माध्यमिक शिक्षक गणित के पद शासकीय हाईस्कूल अमलार राजगढ़ में उनकी पदस्थापना की । मुकेश ने वर्ष 2016 में एमएससी गणित भोज विवि भोपाल से एवं 2017 बीएड डीएवीवी इंदौर से नियमित छात्र के रूप में एक ही सत्र में उत्तीर्ण की है। सुनवाई के दौरान मुकेश कुमार ने बताया कि एक डिग्री नियमित और दूसरी डिग्री स्वाध्यायी रूप से हासिल की है। उनकी नियुक्ति तत्काल निरस्त कर दी गई है।
इसी तरह ग्रीन पार्क कॉलोनी डीआईजी बंगला भोपाल निवासी रवि मीना को उच्चतर माध्यमिक शिक्षक इतिहास के पद पर सीहोर जिले के श्यामपुर में पदस्थापना मिली। मीना ने बीयू भोपाल से वर्ष 16-17 और 17-18 में नियमित परीक्षार्थी के रूप में बीएड की परीक्षा उत्तीर्ण की उसी सत्र में इग्नू नई दिल्ली से एमए इतिहास की द्विवर्षीय पाठ्यक्रम की उपाधि प्राप्त की है। मीना की नियुक्ति तत्काल निरस्त कर दी गई है।
राजगढ़ जिले के ग्राम बुचाखेड़ी नाहली निवासी महेन्द्र सिंह को उच्चतर माध्यमिक शिक्षक राजनीति विज्ञान के पद पर शासकीय उमावि पढ़ाना सारंगपुर जिला राजगढ़ में पदस्थापना दी थी। उन्होंने वर्ष 14-15 में भोज मुक्त विवि भोपाल से एमए राजनीति विज्ञान स्वाध्यायी परीक्षार्थी के रुप में उत्तीर्ण की उसी सत्र में बीयू भोपाल से बीएड नियमित परीक्षार्थी के रूप में उत्तीर्ण की है। इस प्रकार एक ही सत्र में दो उपाधियां अर्जित किए जाने के बाद उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी गई है।