सऊदी अरब के शाह सलमान ने कतर के साथ लगती अपनी सीमाएं फिर से खोलने का आदेश दिया है, जिससे तीर्थयात्री मक्का की सालाना हज यात्रा पर जा सकेंगे. दरअसल सऊदी अरब, मिस्र, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात ने 5 जून को कतर के साथ राजनयिक और कारोबारी संबंध तोड़ लिए थे. ऐसे में उस वक्त शुरू हुए राजनयिक संकट के बीच यह बहुत ही अहम निर्णय है.

सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान और दोहा के दूत के बीच मुलाकात में सीमा संबंधी निर्णय लिए गए हैं, जिसमें शाह सलमान ने आदेश दिया कि कतर के सभी तीर्थयात्रियों को ‘हज के लिए सीमा पार करके सऊदी अरब में प्रवेश की’ इजाजत होगी.

कतर के प्राधिकारियों ने सऊदी अरब पर पिछले महीने आरोप लगाया था कि उसने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा की गारंटी देने से इनकार करके मक्का की यात्रा को खतरे में डाल दिया है. हालांकि उन्होंने यह भी आदेश दिया कि सऊदी विमान कंपनी के निजी विमानों को दोहा हवाईअड्डा भेजा जाएगा, ताकि ‘सभी कतरी हज यात्रियों को उसके खर्चे पर लाया जा सकेगा. यह फैसला शहजादे ने ‘सऊदी और कतर के लोगों और सऊदी नेतृत्व व कतर में शाही परिवार के बीच ऐतिहासिक संबंधों’ पर जोर देने के लिए किया है.

सऊदी अरब और उसके अरब सहयोगियों ने दोहा पर ‘आतंकवादियों’ का समर्थन करने और ईरान के बहुत करीब होने का आरोप लगाया था, जिसके चलते कतर के साथ हवाई, समुद्री और जमीनी रिश्ते खत्म कर दिए थे और साथ ही आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे. कतर ने इन आरोपों से इनकार करते हुए खाड़ी देशों पर उसकी अर्थव्यवस्था का दम घोंटने की कोशिश का आरोप लगाया है.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार, 26 लाख की जनसंख्या वाले कतर में 80% विदेशी रहते हैं. यह प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से दुनिया का सबसे अमीर देश है.

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