छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे अपने इस्तीफे की मांग को लेकर आमला से भोपाल तक की पैदल न्याय यात्रा निकाली है. इस यात्रा को आज पूरे चार दिन हो गए हैं. यात्रा के तीसरे दिन डिप्टी कलेक्टर ने अपने समर्थकों के साथ सारणी में खुले आसमान के नीचे रात बिताई. डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने मीडिया को बताया कि, न्याय यात्रा को रोकने के लिए उनके साथियों को धमकी दी जा रही है. गोली मारने सहित ट्रक व डंपर से कुचलने की धमकी दी जा रही है.

डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने बताया कि, उनके साथियों को न्याय यात्रा बंद करने की धमकी दी जा रहा है. धमकी में यात्रा को इटारसी-होशंगाबाद से आगे नहीं बढ़ने की बात कही गई है. निशा बांगरे ने आगे कहा कि, उनके साथियों से कहा जा रहा है कि इस यात्रा को बंद कर दो नहीं तो क्या पता राजनीति में कब आपके ऊपर या आपके किसी साथी के ऊपर गोली चल जाए. या कोई ट्रक, डंपर आपको कुचल दें, आपको पता भी नहीं चलेगा.

डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने कहा कि, मध्य प्रदेश शासन और जिला प्रशासन से यह कहना चाहूंगी कि, इन धमकियों को सीरियस लें, यदि मेरे साथ या मेरे किसी साथी के साथ कोई घटना घटित होती है तो इसका जिम्मदार मध्य प्रदेश शासन होगा. एक तरफ तो शिवराज मामा लाडली बहना कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ एक महिला को इस तरह से परेशान किया जा रहा है. यदि कोई घटना होती है तो इसके लिए शिवराज मामा ही जिम्मेदार होंगे. निशा बांगरे ने बताया कि, कल रात हमने सारणी में खुले आसमान के नीचे ही रात बिताई है. हम यह महसूस करना चाहते थे कि, देश के लाखों करोड़ों लोग प्रतिदिन खुले आसमान के नीचे ही रात बिताते हैं, उन्हें कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. निशा बांगरे ने बताया कि प्रदेश में बेरोजगारी है, लोग परेशान हैं.

छतरपुर के लवकुश नगर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने गुरुवार से पदयात्रा शुरु की थी और 9 अक्टूबर को भोपाल पहुचेंगी. आमला के बस स्टैंड से अनंत चतुर्दशी पर भगवान गणेश और माता दुर्गा के दर्शन कर पदयात्रा का शुरू की गई थी. निशा बांगरे अपने हाथ में भारत का संविधान और भगवत गीता लेकर न्याय यात्रा कर रही हैं. आमला से शुरु हुई यह यात्रा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह ग्राम जैत होते हुए भोपाल पहुंचेगी. डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे आमला से 335 किलोमीटर की दूरी तय कर राजधानी भोपाल पहुंचेगी. इधर डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के समर्थकों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की शुरुआत कर दी है. समर्थकों का कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती भूख हड़ताल जारी रहेगी.

बता दें कि, आमला में सर्व-धर्म शांति सम्मेलन में भाग लेने की अनुमति न देने के बाद निशा बांगरे ने 27 जून को अपने पद से त्यागपत्र दे दिय था, जिसे शासन द्वारा स्वीकार नहीं किया जा रहा है. निशा बांगरे का कहना है कि तरह-तरह के पेंच लगाकर उन्हें न्याय से वंचित किया जा रहा है. न्यायालय में भी गलत जानकारी प्रस्तुत की जा रही है. पदयात्रा निकालने से पहले सोमवार को बैतूल कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर तीन दिन में निर्णय लेने की उन्होंने मांग की थी, जिस पर भी सरकार ने कुछ नहीं किया. नतीजतन अब पदयात्रा निकालकर भोपाल पहुंच रही हूं.