इंदौर। स्वसहायता समूहों के जरिए घरेलू महिलाओं को भी रोजगार के लिए प्रशिक्षण और राशि दिलवाई जाती है। कल मुख्यमंत्री ने इंदौर सहित अन्य जिलों के स्वसहायता समूहों की महिलाओं से वर्चुअली संवाद किया और भाईदूज की बधाई भी दी। साथ ही दीपावली कैसी मनाई इसकी भी जानकारी ली।

इंदौर के एनआईसी कक्ष से जिला पंचायत सीईओ श्रीमती वंदना शर्मा के साथ समूह की महिलाएं इस संवाद कार्यक्रम में शामिल हुईं, जिसमें एक महिला श्रीमती राधा पाल ने बताया कि उन्होंने धनतेरस पर बोलेरो जीप खरीदकर अपने ड्राइवर पति को गाड़ी मालिक बनाया, तो इसी तरह देवास की श्रीमती रमा चांवले ने भी साढ़े 7 लाख का नया पिकअप वाहन खरीदकर अपने मजदूर पति को दिया और उन्हें भी गाड़ी मालिक बना दिया। अब उनकी मासिक आय 25 से 30 हजार रुपए महीना हो गई है। इसी तरह श्रीमती रेशमा बानो ने बर्तन, जूते-चप्पल की दुकान संचालन कर अभी दीपावली पर ही पांच दिनों में एक लाख 15 हजार रुपए का व्यवसाय किया, जिसमें बर्तन की दुकान पर धनतेरस के दिए 55 हजार रुपए की बिक्री हुई। इसमें एक महिला श्रीमती माया पटेल ने अपने बेटे को इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए धनतेरस पर लैपटॉप खरीदकर दिया, ताकि उनका बेटा ऑटो कैट का प्रशिक्षण ले सके। वे स्वसहायता समूहों के माध्यम से सेंटरिंग का काम करती हैं और उससे बढ़ी आय से ही बेटे की उच्च शिक्षा संभव हो सकी। इसी तरह मंडला के सुंदरिया महिला आजीविका स्वसहायता समूह की श्रीमती ललिता यादव ने बताया कि उन्होंने धनतेरस पर 8 लाख की लागत से टाटा तूफान वाहन खरीदा और बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने का काम करती हैं। इस वैन संचालन से भी उनकी मासिक आय में वृद्धि हुई है।