भोपाल।  “जन-भागीदारी की ताकत इकट्ठी कर लो शिवराज- तो चमत्कार कर देगा यह भोपाल” मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन शब्दों के साथ, भोपाल को स्वच्छता में प्रथम स्थान पर लाने के लिए एकजुट होकर कार्य करने का भोपालवासियों से आहवान किया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इंदौर-वासियों ने स्वच्छता को अपने स्वभाव में सम्मिलित कर लिया है। वहाँ का जन-जन अपने शहर की स्वच्छता के लिए जागरूक और सक्रिय है। भोपाल में भी हम सबको मिलकर स्वच्छता गतिविधियों को जिम्मेदारी के साथ लेना होगा। “भोपाल परिवार” की भावना से कार्य कर हम भोपाल को स्वच्छता में सर्वोच्च स्थान पर स्थापित कर सकते हैं। आँगनवाड़ियों के संचालन में जन-सहभागिता के लिए किए गए आहवान से जनता का जो सहयोग सामने आया है, उससे यह स्पष्ट है कि भोपालवासी सरकार के साथ मिलकर स्वच्छता के क्षेत्र में अवश्य कीर्तिमान स्थापित करेंगे।

मुख्यमंत्री चौहान नगरपालिक निगम द्वारा रविन्द्र भवन में आयोजित स्वच्छता सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कन्या-पूजन कर इस गरिमामय कार्यक्रम का शुभारंभ किया। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री तथा भोपाल जिले के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, विधायक श्रीमती कृष्णा गौर, पूर्व महापौर आलोक शर्मा उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री चौहान ने स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले रहवासी संघों, व्यापारी संघों तथा हॉकर्स कानर्स को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री चौहान ने स्वच्छता में विशिष्ट योगदान दे रहे स्वच्छता कर्मियों और स्वयंसेवकों से संवाद किया तथा रहवासी संघों को स्वच्छता गतिविधियों में निरंतर सक्रिय रहते हुए, स्वच्छता सर्वेक्षण में भोपाल को प्रथम स्थान पर लाने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री चौहान ने उपस्थित जन को स्वच्छता की शपथ के अंतर्गत घरों का कचरा सड़क पर नहीं फेंकने, गीला-सूखा कचरा अलग-अलग करने, घर का कचरा नगर निगम की गाड़ी में ही डालने, पन्नी की थैली का उपयोग नहीं करने और कपड़े की थैली का ही उपयोग करने का प्रण दिलवाया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह करके हम स्वच्छता के लिए नई परम्परा शुरू कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भोपाल में स्वच्छता के क्षेत्र में जो भी व्यक्ति कार्य कर रहे हैं यह कार्यक्रम उनका सम्मान है। ऐसे कार्यक्रमों से व्यक्ति को प्रेरणा मिलती है। साथ ही अन्य लोग भी सामाजिक कार्यों के लिए एकजुट होने के लिए प्रेरित होते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने आहवान किया कि सप्ताह में एक दिन अपने क्षेत्र की आँगनवाड़ी को देखने अवश्य जाएँ। जन्म दिवस, विवाह वर्षगांठ, परिजनों के स्मरण में आँगनवाड़ी के बच्चों के साथ समय बिताएं और ऐसे अवसरों पर उनके लिए सामग्री और खाद्यान भेंट करें। इस जन-सहभागिता से बच्चों के पोषण स्तर में भी सुधार होगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बिजली बचाने को बहस का मुद्दा बनाना जरूरी है। प्रदेश में सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए के 22 हजार 800 करोड़ की सब्सिडी दी जा रही है। यदि हम बिजली बचाने के प्रति संवेदनशील हों तो लगभग 4 हजार करोड़ रुपए की बिजली बचाई जा सकती है। इस राशि का उपयोग प्रदेश के अन्य विकास कार्यों और जन-कल्याणकारी योजनाओं में किया जा सकता है। मुख्यमंत्री चौहान ने स्वयं अपना उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि “मैं सीएम हाऊस में अनावश्यक बिजली नहीं जलने देता हूँ- इसके लिए स्वयं ही रोक-टोक करता हूँ।“ प्रत्येक व्यक्ति को यह प्रण लेना होगा कि वह अपने घर, कार्यस्थल और कार्यालय में व्यर्थ बिजली नहीं जलने देंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ऊर्जा साक्षरता अभियान का प्रभावी शुभारंभ भोपाल से किया जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने स्वच्छता के क्षेत्र में सक्रिय शौचालय केयरटेकर संजय नेमा, स्वच्छता उद्यमी महेश चौहान, स्वच्छता के लिए प्रति रविवार समूह, श्रमदान करने वाली सुकल्पना केकरे, सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को बंद करने के उद्देश्य से कपड़े के थैले बनाने को समर्पित स्वच्छता समाधान केंद्र की सुदीपा मालवीय और सब्जी दुकान चलाने वाली पावर्ती बाई से संवाद किया। पावर्ती बाई केवल उन्हें ही सब्जी देती हैं जिनके पास कपड़े का थैला होता है। वे ग्राहकों को पन्नी की थैली से होने वाली गंदगी और गौधन के जीवन को होने वाले खतरे के बारे में जागरूक भी करती हैं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान प्रदेश के लिए ईश्वर का वरदान हैं। मध्यप्रदेश में स्वच्छता के क्षेत्र में दर्ज उपलब्धियाँ उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और पवित्र मंशा के आधार पर ही अर्जित हुई है। उनके प्रदेश की जनता की सेवा के लिए समर्पण के परिणामस्वरूप देश में मध्यप्रदेश का मान बढ़ रहा है। हाल ही में स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता में हुआ सुधार उनके सद्प्रयासों का ही परिणाम है।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि आज का कार्यक्रम मुख्यमंत्री चौहान की पहल पर स्वच्छता के लिए सक्रिय हुए भोपालवासियों का सम्मान है। लोकतंत्र जनता का जनता द्वारा जनता के लिए शासन है। मुख्यमंत्री चौहान ने कोरोना प्रबंधन सहित स्वच्छता और पर्यावरण-संरक्षण में जन-भागीदारी को प्रोत्साहित कर लोकतंत्र की इस परिभाषा को चरितार्थ किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कल्याण की राजनीति को आगे बढ़ाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी मुख्यमंत्री चौहान के सामाजिक सरोकारों का सम्मान किया है। नगर निगम आयुक्त ने कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि स्वच्छता सम्मान समारोह में 410 रहवासी संघों ने भाग लिया।