खंडवा ।      नर्मदा घाटी के ऊपरी क्षेत्र में हो रही वर्षा से इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के जलाशय का जलस्तर बढ़ने से बांधों के गेट खोलकर 20 हजार क्यूूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। इससे दस दिन में दूसरी बार इंदौर-इच्छापुर राजमार्ग पर मोरटक्का में स्थित नर्मदा पुल से भारी वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है। मोरटक्का में नर्मदा का जलस्तर खतरे के निशान को छूने लगा है।

जिले में वर्षा थमने के साथ ही मंगलवार को दिन में धूप के बावजूद नर्मदा नदी में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। यह स्थिति नर्मदाघाटी के ऊपरी क्षेत्रों में हो रही तेज वर्षा की वजह से बने हैं। सोमवार को इंदिरा सागर बांध के 12 तथा ओंकारेश्वर बांध के 18 गेट खोल कर करीब 11 हजार क्युमेक्स पानी नर्मदा नदी में छोड़ा जा रहा था। इससे भी बांध का जलस्तर नियंत्रित नहीं होने से मंगलवार सुबह इंदिरा सागर बांध के खुले हुए गेट की संख्या में वृद्धि कर 15 हजार क्यूमेक्स पानी छोड़ने पर नर्मदा में उफान आ गया है। पानी की आवक को देखते हुए दोपहर बाद ओंकारेश्वर बांध के गेट की संख्या बढ़ा कर सभी 23 गेट खोल दिए गए हैं। इससे ओंकारेश्वर में घाटों पर पानी आने से स्नान और नावों के संचालन पर प्रतिबंध है।

इस मानसून सत्र में दूसरी बार नर्मदा नदी में 20 हजार क्यूमेक्स से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। पिछले सप्ताह ओंकारेश्वर बांध से 20733 क्युमेक्स पानी सभी 23 गेट खोलकर छोड़ने से नर्मदा नदी में बाढ़ आ गई थी। मोरटक्का में नर्मदा का पानी खतरे के निशान को पार करने से नर्मदा के पुल से दो दिन वाहनों की आवाजाही बंद रही थी। ऐसे ही हालात फिर बन गए हैं।

अभी प्रशासन ने एहतियातन मोरटक्का पुल से भारी वाहनों की आवाजाही रोक दी है। खंडवा से इंदौर जाने वाले वाहनों को देशगांव से ही खरगोन की ओर डायवर्ट किया जा रहा है। इससे वाहनों को 90 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ रही हैं। फिलहाल छोटे वाहन और बसों की आवाजाही पुल से जारी है। एसडीएम पुनासा सीएस सोलंकी ने बताया कि नर्मदा का जलस्तर खतरे के निशान 163 मीटर से ऊपर पहुुंचने पर पुल से वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी जाएगी। इसका निर्णय नर्मदा के जलस्तर की समीक्षा करने के बाद लिया जाएगा।