भोपाल। घर में पधारो गजानंद जी, म्हारे घर में पधारो, गणपति बप्पा मोर्या, मोर्या रे बप्पा मोर्या रे, जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा प्रार्थना के इन स्वरों के साथ बुधवार को घर-घर में विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूर्ण विधि-विधान से शुभ मुहूर्त में स्थापना की गई। इसके साथ ही झांकियों में भी मंगल मूर्ति को विभिन्न रुपों मं विराजित किया गया।
गणेश चतुर्थी के अवसर पर हुई स्थापना के बाद अब दस दिन तक श्रद्धालुओं द्वारा पार्वती नंदन की विशेष आराधना की जाएगी। बुधवार को दिन भर प्रतिमा निर्माण स्थल से स्थापना स्थल तक प्रतिमाओं को ले जाने का सिलसिला चलता रहा। घरों में स्थापना के लिए बाजार में भी भगवान गणेश जी की प्रतिमा सहित पूजन सामग्री खरीदने का क्रम चलता रहा।
कोई बाइक पर तो कोई कांधे पर रखकर ले गया प्रतिमा
गणेश चतुर्थी के अवसर पर घर-घर में भगवान गणपति की स्थापना की गई। इसको लेकर बाजार में प्रतिमाओं को खरीदने का सिलसिला चलता रहा। श्रद्धालुओं ने विभिन्न रुपों में गणेश जी की प्रतिमाओं को स्थापना के लिए खरीदा। कोई बाइक पर तो कोई कांधे पर रखकर प्रतिमाओं को ले गया। इसके साथ ही पूजन सामग्री की भी जमकर खरीददारी की गई। इसके मद्देनजर बाजार में खासी भीड़ देखी गई। मिष्ठान दुकानों पर भी लोगों ने गणेश जी के प्रिय मिष्ठान लड्डुओं की खरीददारी की। इसके बाद पू र्ण विधि-विधान से घरों में पार्वती नंदन की स्थापना की गई।
वातावरण में उड़ता रहा रंग-गुलाल
शहर में करीब 300 तो जिले भर में हजारों स्थानों पर भगवान गणेश जी की स्थापना की गई। इसके लिए निर्माण स्थल से स्थापना स्थल तक प्रतिमाओं को ले जाने का क्रम चलता रहा। ठेले, ट्रेक्टर-ट्रॉली सहित अन्य वाहनों के माध्यम से प्रतिमाओं को ले जाने का क्रम चलता रहा। इस दौरान वातावरण मेंं रंग-गु्लाल उड़ता रहा। इसके साथ ही डीजे और ढोल-नगाड़ों की धुन पर श्रद्धालु नाचते-गाते रहे। सुबह से शुरु हुआ यह सिलसिला रात तक चलता रहा।
विभिन्न रुपों में विराजे है पार्वती नंदन
घरों के साथ ही झांकियों में भी बुद्धि के देवता की स्थापना की गई है। झांकियों में गणेश जी को विभिन्न रुपों में विराजित किया गया है। किसी झांकी में गणेश जी चूहा की सवारी कर रहे है तो किसी प्रतिमा में मोदक खाते हुए दिखाई दे है। भक्तों को आशीर्वाद देने के साथ ही रिद्धि-सिद्धि के साथ भी भगवान गणेश जी प्रतिमा में है। दस दिन तक श्रद्धालु इन रुपों में भगवान गणेश जी के दर्शन करते रहेंगे। इस दौरान झांकी स्थल को जहां आकर्षक तरीके से सजाया जाएगा तो प्रतिमाओं का भी नित्य नया श्रंगार कर उन्हें मनोहारी रुप प्रदान किया जाएगा।