भोपाल।   मध्यप्रदेश में बायो सीएनजी से बस संचालन पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए इंदौर में एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी ‘गोवर्धन प्लांट का उदघाटन भी जा चुका है। नगर निगम का दावा है कि इस प्लांट में तैयार होने वाली गैस से 400 बसें चलेंगी। हालांकि अभी गैस उत्पादन में कमी के कारण सिर्फ 10 बसों को ही इस प्लांट से ईंधन मिल पा रहा है। अधिकारियों के अनुसार यहां से उपलब्ध गैस से जल्द ही 100 बसों का संचालन होने लगेगा।

प्रदेश में सबसे पहले इंदौर में ये सुविधा उपलब्ध कराई गई है. यहां इंदौर क्लीन एनर्जी एजेंसी द्वारा 150 करोड़ रुपये खर्च कर प्लांट तैयार किया गया है. प्लांट संचालित करने वाली एजेंसी के अनुसार 25 मई से यहां से उपलब्ध ईंधन से 100 बसों का संचालन किया जा सकेगा।

एजेंसी के अधिकारी बताते हैं कि अभी प्लांट में 8 टन सीएनजी प्रतिदिन तैयार हो रही हैं. तीन दिन पहले ही गैस की शुद्धता का स्तर 96 फीसदी मिला है। मुंबई की एक लैब ने भी गैस की गुणवत्ता प्रमाणित की है। नगर निगम के अपर आयुक्त संदीप सोनी के अनुसार अभी शुरुआत होने के कारण प्लांट से गुणवत्तापूर्ण गैस तैयार होने की प्रक्रिया में समय लग रहा है। प्लांट में तैयार हो रही गैस फिलहाल दस बसों को दी जा रही हैं।

प्लांट में 550 टन गीले कचरे से रोज 17500 किलो गैस तैयार करने का दावा किया गया है। अभी प्लांट में 425 टन गीले कचरे से 25 हजार घन मीटर बायो गैस तैयार की जा रही है। यहां रोज 8 टन सीएनजी गैस तैयार हो रही है। प्लांट से तैयार होने वाले गैस निगम द्वारा संचालित बसों को बाजार मूल्य से पांच रुपये कम दी जाती है।

प्लांट में तैयार हो रही बायो सीएनजी गैस की शुद्धता का स्तर पिछले तीन माह से 90 से 92 फीसदी के आसपास रहा है। सीएनजी को बसों में ईधन के रुप में देने के लिए शुद्धता का स्तर कम से कम 96 फीसदी से होना चाहिए। यही वजह है कि अभी सभी बसों को प्लांट से ईंधन नहीं दिया जा रहा है।