नई दिल्ली । महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के एक गांव में एक बकरी और कुछ कबूतर चुराने के संदेह में छह लोगों ने चार दलित व्यक्तियों को कथित तौर पर एक पेड़ से उल्टा लटकाकर लाठियों से पीटा। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। अहमदनगर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसके बाद पुलिस ने शनिवार को हमले के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जबकि पांच अन्य फरार हैं। घटना के विरोध में रविवार को श्रीरामपुर तालुका के हरेगांव गांव में बंद रखा गया।
उन्होंने कहा कि 25 अगस्त को गांव के छह लोगों का एक समूह 20 और 29 साल के बीच की उम्र के चार दलित व्यक्तियों के कथित तौर पर घर पहुंचा और चारों युवकों को अपने साथ चलने के लिए बाध्य किया। उन्होंने बताया कि इन चारों युवकों को एक बकरी और कुछ कबूतर चुराने के संदेह में एक पेड़ से उल्टा लटकाकर लाठियों से पीटा गया।
अधिकारी ने बताया कि आरोपियों की पहचान युवराज गलांडे, मनोज बोडाके, पप्पू पारखे, दीपक गायकवाड़, दुर्गेश वैद्य और राजू बोराज के रूप में की गई है। उन्होंने बताया कि आरोपियों में से एक ने कथित तौर पर इस घटना का वीडियो बनाया, जो बाद में सोशल मीडिया पर सामने आया।
अधिकारी ने कहा कि घायलों को बाद में नजदीकी अस्पताल ले जाया गया और पीड़ितों में से एक शुभम मगाडे ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है। उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 364 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत एक मामला दर्ज किया गया है।
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि यह घटना मानवता पर कलंक है और उन्होंने मांग की कि सभी आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए तथा कड़ी सजा दी जाए। उन्होंने आरोप लगाया, ‘ऐसी घटनाएं भाजपा द्वारा अपने राजनीतिक लाभ के लिए फैलाई जा रही नफरत का नतीजा हैं।’ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने सरकार पर दलितों के आत्मसम्मान की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया।