दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह जिले के हटा में 5 साल पहले हुए कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में मामले में शनिवार को हटा एडीजे कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने 26 में से 25 आरोपियों को आजीवन कारावास के साथ-साथ 10-10 हजार के जुर्माने की सजा का ऐलान किया है, जबकि 1 आरोपी को दोष मुक्त करार दिया गया है.
15 मार्च 2019 को हटा में कांग्रेस के दिग्गज नेता देवेंद्र चौरसिया की उनके स्टोन क्रेशर पर हत्या की गई थी. इस हत्याकांड में तत्कालीन बसपा विधायक रामबाई सिंह के पति गोविन्द सिंह, देवर चंदू सिंह, भाई लोकेश और भतीजे गोलू सिंह, तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष शिव चरण पटेल के बेटे इंद्रपाल पटेल सहित कुल 26 आरोपी बनाए गए थे. इस मामले में एक आरोपी त्रिलोक फरार है, जबकि 25 आरोपी सलाखों के पीछे थे. आज हटा एडीजे कोर्ट ने मामले में एक आरोपी झांसी यूपी निवासी विकास पटेल को दोष मुक्त करार दिया, जबकि 25 आरोपियो को सजा का ऐलान किया है.
ये मामला देश भर की सुर्खियों में रहा. प्रदेश में इस मुद्दे पर काफी सियासत भी हुई. 2019 में सूबे में कांग्रेस की सरकार और कमलनाथ सीएम थे. उनके कार्यकाल में हुई कांग्रेस नेता की हत्या के बाद सनसनी फैल गई थी. तत्कालीन बसपा विधायक रामबाई सिंह को कमलनाथ का करीबी भी माना जाता था. लिहाजा सूबे की राजनीति में खलबली मच गई थी. इसके अलावा इस मामले को लेकर आरोपियो में से पूर्व विधायक रामबाई सिंह के पति और देवर पर हटा एडीजे को धमकाने के आरोप भी लगे थे. इसे लेकर हटा एडीजे ने हाईकोर्ट को शिकायत भी की थी.
मामले में कुछ समय तक रामबाई के पति गोविंद सिंह फरार रहे और नाटकीय तरीके से भिंड में उन्होंने आत्म समर्पण किया था. मामले में खास बात ये भी है कि इसमें जेल गए किसी भी मुख्य आरोपी को गिरफ्तारी के बाद जमानत नहीं मिली, जबकि आरोपियों ने स्थानीय कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जमानत याचिकाएं लगाईं.
मामले में आरोपी बनाए गए तत्कालीन जिला पंचायत अध्य्क्ष शिव चरण पटेल के बेटे इंद्रपाल पटेल वर्तमान में हटा जनपद के अध्यक्ष हैं. इंद्रपाल ने जेल में रहते हुये जनपद सदस्य का चुनाव लड़ा और जीता भी. इसके बाद अध्यक्ष के लिए हुए चुनाव में भी इंद्रपाल ने बाजी मारी और वो जनपद पंचायत के अध्यक्ष बन गए. जेल से ही जनपद के संचालन कर रहे थे. बहरहाल हत्याकांड में आये फैसले के बाद अब मृतक देवेंद्र चौरसिया के परिजनों में खुशी है. उन्होंने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. वहीं आरोपी पक्ष के वकील के मुताबिक, वो फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन ये अंतिम स्थान नहीं है बल्कि वो इस फैसले को लेकर हाईकोर्ट जाएंगे.