नई दिल्ली: कर्नाटक के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश की हत्या हो गई है. उनका शव उनके बेंगलुरु के के एचएसआर लेआउट स्थित आवास में खून से लथपथ मिला है. पुलिस के मुताबिक यह वारदात किसी दुश्मन ने नहीं, बल्कि खुद पूर्व डीजीपी की पत्नी ने अंजाम दिया है. पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे ओम प्रकाश साल 2015 में राज्य के 38वें डीजी बने थे.

मूल रूप से बिहार के चंपारण के रहने वाले आईपीएस ओमप्रकाश रिटायरमेंट के बाद यहां बेंगलुरु में अपने परिवार के साथ रहते थे. पुलिस के मुताबिक घटना की जानकारी पूर्व डीजीपी की पत्नी ने ही दी. बताया जा रहा है कि वह मानसिक रूप से परेशान थी और इसी परेशानी की वजह से उसने अपने पति की हत्या को अंजाम दिया है. इस आशंका के मद्देनजर पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक राज्य के 38वें डीजी और आईजीपी का पदभार संभालने से पहले आईपीएस ओम प्रकाश होमगार्ड के कमांडेंट जनरल और नागरिक सुरक्षा के निदेशक के अलावा अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं के महानिदेशक के रूप में काम कर चुके थे. कर्नाटक कैडर के आईपीएस ओम प्रकाश मूल रूप से बिहार के चंपारण जिले के रहने वाले थे. उन्होंने अपने करियर की शुरूआत कर्नाटक के बेल्लारी में हरपनहल्ली उप-मंडल के एएसपी के रूप में शुरू किया.

बाद में उन्हें राज्य सतर्कता आयोग और कर्नाटक लोकायुक्त के एसपी और चिकमगलुरु, शिवमोग्गा और उत्तर कन्नड़ आदि जिलों में कप्तान के रूप में तैनाती हुई. 1993 में भटकल सांप्रदायिक दंगों को नियंत्रित करने में उनकी भूमिका सराहनीय रही है. बाद में वह डीआईजी (प्रशासन), डीआईजी-उत्तरी क्षेत्र, डीआईजी-प्रशिक्षण और डीआईजी फायर ब्रिगेड के पद पर भी रहे. वहीं आईजीपी के रूप में उन्होंने सीआईडी ​और परिवहन आयुक्त की जिम्मेदारी भी संभाली.