भोपाल. मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री  उमा भारती ने एक बार फिर शराबबंदी को लेकर मोर्चा खोल दिया है. मंगलवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि चौकीदार अभी जिंदा है. हाथ में पत्थर की जरूरत नहीं लगती, गाय के गोबर की चोट ज्यादा भारी पड़ेगी’.

दरअसल, नई शराब नीति के तहत कई धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी हो गई है. दूसरी तरफ कई इलाकों में शराब की दुकानों को लेकर स्थानीय निवासी भी विरोध कर रहे हैं जिसे लेकर उमा भारती ने यह पोस्ट किया है. उमा भारती ने लिखा कि ‘दो साल पहले मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर एक व्यापक अभियान चला जिसके परिणामस्वरूप जनवरी 2023 के आरंभ में नई शराब नीति घोषित हुई.’

‘कई बातें हम सार्वजनिक नहीं करते’
उन्होंने लिखा, ‘वह एक व्यापक विचार विमर्श के तहत बनी एक आबकारी नीति थी, जो हमें एक-दो वर्षों में पूर्ण शराबबंदी की ओर ले जा रही थी. मैं दो साल उसी नीति के प्रभावी तरीके से लागू होने की प्रतीक्षा कर रही थी. पिछले डेढ़ साल में नई सरकार से भी इस विषय पर मेरी निरंतर बात हुई. हमारी सरकार हो, हमारा मुख्यमंत्री हो तो कई बार हम आपस की बातचीत को सार्वजनिक नहीं करते.’

‘4 महीने से मन में मची थी हलचल’
उमा भारती ने लिखा, ”गुणों की चर्चा सर्वत्र, दोषों को उचित स्थान पर’ मैं इस नीति पर रही तो सबको लगा होगा कि इस विषय पर तटस्थ हो गई हूं. ऐसा बिल्कुल नहीं है. 4 महीने से मन में हलचल मची हुई है. दुकानों के आवंटन को लेकर सर्वत्र जन विरोध विशेष कर महिलाओं का विरोध हो रहा है. क्या हम शराब वितरण नीति के प्रति लापरवाह हो गए हैं? चौकीदार अभी जिंदा है. हाथ में पत्थर की जरूरत नहीं लगती, गाय के गोबर की चोट ज्यादा भारी पड़ेगी.’

पहले भी प्रदर्शन कर चुकी हैं उमा भारती
बता दें कि उमा भारती इससे पहले भी शिवराज सरकार के समय शराबबंदी को लेकर प्रदर्शन कर चुकी हैं और उस दौरान उन्होंने शराब की दुकानों पर पत्थर फेंक और बोतलें तोड़कर विरोध जताया था. हालांकि बाद में नई आबकारी नीति में संशोधन से वो कुछ हद तक तो संतुष्ट दिखीं लेकिन अब एक बार फिर से उन्होंने सरकार को शराब के विषय पर चेताना शुरू कर दिया है.