इंदौर. इंदौर जिला अदालत ने दूसरे के नाम से परीक्षा देने वाले 8 मुन्ना भाइयों को 7-7 साल के कारावास की सजा सुनाई है. ये लोग व्यापम की एक परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर रहे थे. व्यापम (पीईबी) ने साल 2013 में पशुपालन डिप्लोमा कोर्स की परीक्षा करवाई थी. इसमें 4 लोग दूसरे के नाम से परीक्षा देते पकड़े गए थे. मामले में कोर्ट ने 8 दोषियों को 7 साल कारावास की सजा सुनाई है.
साल 2013 में व्यापम ने पशुपालन डिप्लोमा कोर्स परीक्षा आयोजित की थी. इसमें 4 आरोपी छात्र दूसरे के नाम पर परीक्षा देने आए थे. यह गड़बड़ी इंदौर के होलकर साइंस कॉलेज के परीक्षा केंद्र पर पकड़ी गयी थी. जिन 4 परीक्षार्थियों ने फॉर्म भरा था वह परीक्षा में शामिल नहीं हुए थे बल्कि उनकी जगह ये मुन्ना भाई परीक्षा देते पकड़े गए थे.
दूसरों के स्थान पर दे रहे थे परीक्षा
परीक्षा के दौरान पर्यवेक्षकों को इन मुन्ना भाइयों पर शक हुआ. फिर उन्होंने परीक्षार्थियों की फोटो का मिलान किया. फोटो का मिलान नहीं होने पर गड़बड़ी का खुलासा हो गया. इसके बाद परीक्षा देने वाले आरोपियों ने कुबूल कर लिया कि वे दूसरों के स्थान पर परीक्षा देने आए थे. इसमें माखन सिंह नरवाया के बदले अंकित सिंह, रामा डामोर के बदले अवनीश सिंह, देवेंद्र झनिया के बदले एजाज अहमद और अमीर होलकर के स्थान पर डॉ अनूप परीक्षा दे रहा था.
8 दोषियों को 7 साल की जेल
कॉलेज के प्रो. संजय व्यास ने परीक्षा दे रहे आरोपी छात्रों की भंवरकुआं थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस जांच में आरोपियों ने उन 4 लोगों के नाम बताए जिनकी जगह पर वे परीक्षा दे रहे थे. इसके बाद 8 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. अपर लोक अभियोजक संजय शर्मा ने बताया कि न्यायाधीश संजय कुमार गुप्ता ने सभी 8 दोषियों को 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. इन पर 3500 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है.