नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस अफसरों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस दौरान शाह ने दिल्ली पुलिस को छह साल से अधिक की सजा वाले सभी अपराधों में फॉरेंसिक जांच अनिवार्य करने का निर्देश दिया। शाह ने दिल्ली पुलिस हेडकॉर्टर के अपने दौरे के दौरान इस संबंध में निर्देश दिए, जिसके बाद विभिन्न विषयों पर अधिकारियों के साथ व्यापक बैठक की गई।
बैठक में गृह मंत्री ने निर्देश दिया कि सभी अपराधों में फोरेंसिक जांच अनिवार्य की जाए जिसमें दिल्ली में 6 साल से अधिक की सजा पाने वाले अपराधियों को भी शामिल किया जाएगा। इससे कन्विक्शन रेट बढ़ेगा और आपराधिक न्याय प्रणाली को एकीकृत करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि गंभीर प्रकृति के चिन्हित अपराधों में पुलिस द्वारा कानूनी जांच के बाद ही चार्जशीट दाखिल की जाए. फोरेंसिक विज्ञान जांच पर शाह के निर्देश के कुछ घंटे बाद, दिल्ली के पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने अनिवार्य फोरेंसिक जांच के लिए निर्देश और दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जिन अपराधियों के अपराध गंभीर हैं उन मामलों में पुलिस कानूनी जांच के बाद चार्जशीट दाखिल करे। फोरेंसिक टेस्ट शाह के निर्देश के कुछ घंटे बाद, दिल्ली के पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने सभी जगह इसके दिशा-निर्देश जारी कर दिए।
इसके अलावा अमित शाह ने कहा कि सर्विलॉन्स क्राइम को रोकने के लिए नागरिक प्रशासन और पुलिस हवाईअड्डे, रेलवे, स्टेशनों, स स्टैंड, बाजार जैसे सार्वजनिक स्थानों पर CCTV कैमरे लगाए गए हैं जिन्हें कंट्रोल रूम से जोड़ा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और पड़ोसी राज्यों राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा में सक्रिय मल्टीस्टेट क्रिमिनल गैंग पर नकेल कसने की रणनीति तैयार की गई है। इसके अलावा केन्द्रीय मंत्री ने महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की बात कही।