ग्वालियर, मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां ग्राम रोजगार सहायक एक बुजुर्ग की पेंशन तीन साल तक अपनी पत्नी के खाते में डालता रहा. जब इस मामले की जांच की गई तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया. शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर ने रोजगार सहायक की सेवाएं समाप्त कर दी हैं. बुजुर्ग लंबे समय से पेंशन के लिए भटक रहा था.
जानकारी के अनुसार, यह मामला भितरवार जनपद पंचायत जौरा का है. ग्राम पंचायत जौरा के रहने वाले वृद्ध मंगीराम कई साल से वृद्धावस्था पेंशन के लिए भटक रहे थे. वह सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटकर परेशान हो गए, लेकिन पेंशन नहीं मिली. इसके बाद जब जनपद पंचायत के एक बाबू ने चेक किया तो पता चला कि मंगीराम की पेंशन बराबर जा रही है.
बैंक में खाते की कराई जांच तो खुला राज
इसके बाद बुजुर्ग बैंक पहुंचा तो वहां पता चला कि खाता क्रमांक 3166794657 में पेंशन डाली जा रही है. इस खाते की डिटेल निकलवाई गई, इसमें सामने आया कि यह पैसा उसी ग्राम पंचायत के ग्राम रोजगार सहायक गोविंद नारायण जाटव की पत्नी सीमा जाटव के खाते में जा रहा है. यह पेंशन प्रति माह 600 रुपये के हिसाब से डाली जा रही थी.
यह बात सामने आने के बाद जनपद सीईओ अशोक शर्मा ने जांच कराई तो मामला खुल गया. जांच के बाद जीआरएस के खिलाफ जिला पंचायत सीईओ को प्रतिवेदन भेजा गया. इसके बाद कलेक्टर ने ग्राम रोजगार सहायक गोविंद नारायण जाटव को बर्खास्त कर सेवाएं समाप्त कर दीं.
मामले को लेकर बुजुर्ग ने कही ये बात
मंगीराम ने बताया कि जनपद के कर्मचारियों ने बताया था कि आपकी पेंशन पिछले 3 साल से लगातार सरकार द्वारा दी जा रही है. इसके बाद जब खाता चेक किया तो पता चला कि ग्राम पंचायत जौरा के जीआरएस ने मेरे अकाउंट की जगह अपनी पत्नी सीमा का अकाउंट नंबर लगा दिया था. इसके बाद लगातार 3 साल तक वृद्धावस्था पेंशन के पैसे खाते में जाते रहे.