रायपुर । यदि हमें नियमित दिनचर्या व ऋतुचर्या का पालन सही तरह से करें तो इस तरह की जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से बच सकते हैं। प्रत्येक 14 व्यक्तियों में से एक शुगर की समस्या से पीड़ित है इसका कारण अनियमित दिनचर्या है। शासकीय आयुर्वेद कालेज रायपुर में छह दिवसीय कार्यशाला में पहुंचे नई दिल्ली एआइआइए के एसोसिएट प्रोफेसर डा. रमाकांत यादव ने उक्त बातें कहीं।
प्रथम सत्र में डा. यादव ने मेटाबालिक सिंड्रोम के बारे में बताते हुए कहा कि मोटापा इसका मुख्य कारण है। इससे बचाव के लिए ज्वार, बाजरा आदि अनाजों का नियमित सेवन करना फायदेमंद होगा। आंवला, गिलोय, हरिद्रा, अश्वगंधा व अग्नि को बढ़ाने वाले द्रव्यों के नियमित सेवन का भी सुझाव विशेषज्ञ ने दिए। औषधसिद्ध घृत का स्नेहपान, भूम्यामलकी, गिलोय आदि औषधीय द्रव्यों का उपयोग यकृत विकारों में प्रभावी होता है।
द्वितीय सत्र में एमडी मेडिसिन व पैथोलाजिस्ट डा. अजय मोहन सहाय ने आपातकालीन स्थिति में मरीज को कब रेफर किया जाना चाहिए। इस विषय को बताते हुए मेडिको लीगल विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कई महत्वपूर्ण बातें साझा की।
इनके अलावा एम्स की डा. वंदिता सिंह ने कैंसर, हृदय रोग से संबंधित पैथालाजिकल जांच व क्लीनिकल प्रैक्टिस में भूमिकाओं पर व्याख्यान देते हुए कई अहत जानकारियों के बारे में बताया। कार्यक्रम में आयुर्वेद कालेज के प्राचार्य डा. जीएस बघेल, आयुर्वेद अस्पताल के अधीक्षक डा. पीके जोशी व काय चिकित्सा की विभागाध्यक्ष, अरुणा ओझा समेत अन्य चिकित्सा विशेषज्ञ मौजूद रहे।