मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लोगों की जिन्दगी बचाना हमारी प्राथमिकता है। भिंड, मुरैना और श्योपुर में पानी अभी थोड़ा बढ़ रहा है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। प्रदेश के बाकी क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घट रहा है। चंबल में बढ़ते हुए जल-स्तर पर भी राज्य सरकार पूरी नजर रखे हुए हैं। निचले स्थानों से लोगों को राहत शिविरों में लाया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, होमगार्ड के जवान, पुलिस और प्रशासन सक्रिय है। साथ ही सेना के हेलीकॉप्टर भी तैयार हैं। आवश्यकता होने पर इनका उपयोग किया जाएगा। संभावना है कि मुरैना और भिंड में चंबल का पानी उतरना शुरू हो जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने एम्स परिसर में मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा में यह बात कही।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के शेष जिलों में भी कई चुनौतियाँ हैं, जिसमें साफ-सफाई, सिल्ट को हटाना, बीमारियाँ न फैलें इसके लिए दवाओं का छिड़काव तथा स्वास्थ्य परीक्षण संबंधी अन्य व्यवस्था, पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करना और बिजली आपूर्ति बहाल करना प्रमुख हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कई जगह ट्रांसफार्मर डूबे हुए थे, सब-स्टेशनों में पानी भरा था। बिजली व्यवस्था बहाल करने के लिए अमला निरंतर कार्यरत है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि घरों में पानी भर जाने के कारण अनेक घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं और कई घर रहने लायक नहीं बचे। ऐसे प्रभावित परिवारों के लिए राहत शिविरों में चाय, पानी, भोजन आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि जो सड़कें, पुल-पुलिया आदि टूटी हैं, उन्हें शीघ्र दुरूस्त किया जाएगा। मेडिकल चेकअप और उपचार के लिए शिविरों की व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जन-जीवन सामान्य करने सर्वोच्च प्राथमिकता है कि सभी व्यवस्थाओं के बाद अतिवृष्टि और बाढ़ से हुई क्षतिपूर्ति के लिए सर्वे का कार्य आरंभ होगा। जिसमें फसल, घर, घर का सामान और मवेशियों के नुकसान का सर्वे कराया जाएगा और त्वरित रूप से राहत राशि का वितरण आरंभ होगा।