भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री निवास पर केवट जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकारी तालाब और जल संरचनाओं पर पहला हक मछुआरों का है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भगवान श्रीराम और मैया सीता को निषादराज केवट ने गंगा पार लगाया था। केवट की श्रीराम के प्रति असीम श्रद्धा और भक्ति थी। निषादराज भारतीय समाज के लिए भगवान से कम नहीं है।

सरकारी तालाब और जल संरचनाओं पर पहला हक मछुआरों का है। केवट समाज की प्रगति, विकास और उन्नति में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि केवट जयंती पर समाज के लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि केवट समाज सरल, मेहनती और साहसी समाज है। केवट समाज ने आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों को धूल चटा दी थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय तालाब और जल-संरचनाओं पर पहला हक मछुआरों का है। दबंगों से तालाबों का कब्जा वापस लेकर मछुआरों को दिया जाएगा। प्रदेश में अभियान चला कर केवट समाज को कब्जा देने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समिति बना कर शासकीय सेवा के लिए जाति प्रमाण-पत्र की विसंगति दूर करेंगे। शासकीय सेवा में जो कर्मचारी हैं, उन्हें सेवा से बाहर नहीं किया जाएगा। जहां केवट समाज की बहुलता है वहां निषादराज स्मारक, भवन बनाएंगे एवं मूर्तियां लगाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केवट समाज के युवाओं को परम्परागत व्यवसाय के अलावा दूसरे व्यवसायों में भी आगे आने की कोशिश करनी चाहिए। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में काम-धंधे के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिन्दी में की जा रही है, जिससे हमारे बच्चे अंग्रेजी के कारण पीछे न रह जाएं। सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए मेडिकल की सीटों में 5 प्रतिशत सीट्स रिजर्व कर दी गई हैं।

जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि आज का दिन पवित्र अवसर है कि मुख्यमंत्री निवास पर केवट जयंती मनाई जा रही है। केवट जयंती विकास और प्रगति में नींव का पत्थर साबित होगी। मुख्यमंत्री केवट समाज का गौरव बढ़ाने, प्रगति और विकास के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। मत्स्य-पालन विभाग पूरे राष्ट्र में कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इसका श्रेय मुख्यमंत्री और केवट समाज के नागरिकों को जाता है। पूरे प्रदेश में तेजी से मछुआ क्रेडिट कार्ड बन रहे हैं। समाज के विकास के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में सरकार आपके साथ खड़ी है।

मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम बाथम ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि हमारे समाज के प्रभु केवट ने भगवान राम को नाव में बैठा कर पार लगाया था। केवट समाज का देश के विकास में बहुत योगदान है। उन्होंने मछुआरों और केवट समाज को अधिकार दिलाने की मांग की। भोपाल में ठहरने के लिए रेस्ट हाउस की मांग रखी। प्रदेश में प्रभु केवट की मूर्तियां लगाने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने पुष्प-वर्षा कर केवट समाज के भाई-बहनों का स्वागत किया और केवट समाज की प्रतीक नाव पर सवार होकर नाव भी चलाई। प्रभु श्रीराम, माता सीता और केवट के चित्र पर पुष्पपांजलि अर्पित की। केवट समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और समाज के पदाधिकारियों ने स्मृति-चिन्ह भेंट किया। केवट जयंती का शुभारंभ कन्या-पूजन और दीप जला कर किया गया।