जबलपुर मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। बताया जाता है कि दो लोगों ने एक शख्स की हत्या केवल इसलिए कर दी क्योंकि वह कर्ज दिए अपने पैसे वापस मांग रहा था। आरोपियों ने डेड बॉडी के आरी मशीन से कई टुकड़े किए और टुकड़ों को 3 बोरियों में भरकर नाले में फेंक दिया था। पुलिस ने बताया कि हत्याकांड के मुख्य आरोपी ने पिछले महीने आत्महत्या कर ली थी। इस वजह से मामले को सुलझाना चुनौतीपूर्ण बन गया था। पुलिस ने हत्या में शामिल एक अन्य शख्स को सोमवार को गिरफ्तार किया। साथ ही प्रेस कांफ्रेंस में वारदात की पूरी कहानी बताई जो हैरान करने वाली मर्डर मिस्ट्री है।
16 फरवरी को लापता हो गया था शख्स
जबलपुर एसपी टीके विद्यार्थी ने हत्याकांड (carnage) का खुलासा करते हुए कहा कि संजीवनी नगर थाना क्षेत्र स्थित जसूजा सिटी में रहने वाले 45 वर्षीय अनुपम शर्मा के 16 फरवरी को लापता हो जाने कि उनके परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच में पाया कि गुमशुदा अनुपम शर्मा अंतिम बार अपने सबसे करीबी मित्र विनोद वर्मा उर्फ टोनी के घर के पास नजर आया था। अब पुलिस ने टोनी से पूछताछ की तो उसने बताया कि अनुपम तो दोपहर को ही उससे मिलकर चला गया था।
पिता को मिला व्हाट्सएप मैसेज- संन्यासी बन रहा
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो पाया कि अनुपम की स्कूटर पर उसके हुलिये का एक शख्स धनवंतरी नगर चौराहे के पास दिखा था। कुछ दिन बाद अनुपम शर्मा का स्कूटर मुख्य रेल्वे स्टेशन जबलपुर की पार्किंग में खड़ा पाया गया। छानबीन में पता चला कि 16 फरवरी की शाम को अनुपम के मोबाइल से उसके पिता को व्हाट्सएप मैसेज मिला कि वह जीवन में की गई गलतियों को सुधारना चाहता है इसलिए संन्यासी बन रहा है। वह मौन व्रत रख रहा है इस वजह से वह आगे संपर्क नहीं रख सकेगा।
मित्र ने ही किया घात, चरित्र पर था शक
पुलिस ने पाया कि 25 फरवरी को अनुपम के मोबाइल नंबर से इसी तरह का अंतिम संदेश नासिक से भेजा गया था। इस बीच अनुपम का मित्र टोनी लगातार अनुपम की तलाश करने का नाटक करता रहा। पुलिस ने छानबीन में पाया कि अनुपम ने लाखों रुपये टोनी के माध्यम से लोगों को उधार दे रखे थे। इन रुपयों की वसूली के लिए अनुपम टोनी पर लगातार दबाव बनाया रहा था। पुलिस को यह भी पता चला कि खुद की गैरमौजूदगी में अनुपम के घर आने से टोनी नाराज था। वह अनुपम के चरित्र पर संदेह करता था।
हत्यारे ने की आत्महत्या, एक लाइन का सुसाइड नोट
पुलिस को टोनी के करीबियों से पूछताछ की तो पता चला कि टोनी ने कहा था कि उसके किसी करीबी मित्र ने उसके साथ दगाबाजी की है। वह उसे मरवा देगा। पुलिस ने टोनी को बुलाकर फिर से पूछताछ करने की सोची। टोनी को थाने तलब किया तो उसने 1 मार्च को घर में सलफास खाकर आत्महत्या कर ली। इससे मामले को सुलझाना पुलिस के लिए मुश्किल बन गया था। आरोपी विनोद वर्मा उर्फ टोनी ने एक मार्च को एक ‘सुसाइड नोट’ छोड़ा था। उसने सुसाइड नोट में केवल इतना लिखा था कि उसने एक ‘बड़ी गलती’ कर दी है।
रामप्रकाश पुनिया करता था मैसेज
पुलिस ने टोनी की खुदकुशी के बाद उसके किरायेदार रामप्रकाश पुनिया से पूछताछ की। उसने बताया कि जब वह 24 फरवरी को मुंबई जा रहा था तब टोनी ने उसे एक मोबाइल फोन दिया था। रामप्रकाश ने बताया कि टोनी ने उससे कहा था कि जब वह नासिक पहुंचे तो मोबाइल चालू कर ले। फिर कुछ देर बाद इसे बंद कर देना है। यही नहीं उसे फोन और सिम ट्रेन में ही छोड़ देना है। टोनी ने कहा था कि वह मजाक कर रहा है। इसलिए खुद के एक दोस्त की लोकेशन नासिक बताना है। इसके अलावा रामप्रकाश ने घटना के विषय में कोई अन्य जानकारी नहीं दी।
नाले से बरामद हुई लाश
पुलिस ने कहा कि रामप्रकाश पुनिया लगातार उन्हें गुमराह कर रहा था। पुलिस के पास कोई सबूत भी नहीं था। पुलिस ने पाया कि लापता होने के बाद जो शख्स अनुपम शर्मा का स्कूटर चलाते दिखा था उसकी कद काठी रामप्रकाश से मेल खाती थी। पुलिस को रामप्रकाश पर शक होने लगा। उसने सख्ती करने का मन बनाया और कड़ाई से पूछताछ की तो रामप्नकाश ने अपराध कबूल कर लिया। उसने बताया कि वह और टोनी ने साथ मिलकर अनुपम की हत्या की थी। रामप्रकाश की निशादेही पर जबलपुर के संजीवनी नगर थाना क्षेत्र में एक नाले से 16 फरवरी से लापता अनुपम शर्मा (45) की लाश बरामद की गई।
आरी से शव के 10 टुकड़े
लाश एक नाले से प्लास्टिक के तीन थैलों में बरामद हुई। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने पहले युवक की हत्या की थी। उसके बाद आरी से शव के 10 टुकड़े किए थे। आरोपियों ने लाश को 3 बोरियों में भरकर नाले में फेंक दिया था। रामप्रकाश ने बताया कि टोनी ने अनुपम शर्मा को मारने के लिये उसे राजी किया था। कोई निश्चित आय का साधन नहीं होने, मकान का किराया नहीं चुका पाने और उधार का पैसा वापस नहीं कर पाने के कारण रामप्रकाश ने टोनी के साथ वारदात को अंजाम दिया।
गला घोंटकर हत्या
टोनी की योजना अनुसार, अनुपम को दोपहर पैसे के लेनदेन का निपटारा करने फोन पर बुलाया गया था। टोनी ने रामप्रकाश को अपने भाइयों की लकड़ी की टाल और आरा मशीन के बगल में गोदाम में भेजा। थोड़ी देर बाद टोनी अनुपम को गोदाम के अंदर लेकर पहुंचा और लैपटाप पर हिसाब दिखाने लगा। इसी दौरान रामप्रकाश ने रस्सी अनुपम के गले में डालकर उसका गला घोंट दिया। हत्या के दौरान टोनी ने अनुपम को दबोच रखा था। हत्या के बाद रामप्रकाश ने अनुपम के कपडे़ पहने और यह दिखाने के लिए कि अनुपम वापस चला गया है। वह अनुपम का स्कूटर लेकर वहां से निकल गया था।
हैंड कटर से कई टुकडों में काटी लाश
रामप्रकाश ने मेडिकल कॉलेज के पास स्कूटर खड़ा किया और आटो से तिलवारा घाट पहुंचा। तिलवारा घाट से उसने अनुपम के मोबाइल फोन पर पहले से टाइप मैसेज को अनुपम के पिता को भेजा। यह संदेश टोनी ने टाइप किया था। रामप्रकाश ने दोबारा यही काम 17 से 20 फरवरी को भी किया ताकि लगे कि अनुपम जीवित है और घर के लोगों से संपर्क नहीं करना चाहता है। टोनी ने अनुपम के शव को लकड़ी काटने वाले मशीन के हैंड कटर से कई टुकडों में काटा और पालिथिन में पैक करने के बाद तीन बोरियों में भरकर रामप्रकाश की मदद से संजीवनीनगर के पास नाले में फेंक दिया। बोरियों में भरी लाश जब नहीं डूब रही थी तब टोनी ने लोहे के टुकडे़ बांधे।