भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारी सरकार किसानों की सरकार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में किसान-कल्याण के कार्य हो रहे हैं। पुरानी सरकार ने कर्ज माफी के नाम पर किसानों को ठगा और उन्हें डिफॉल्टर बना दिया। उन्होंने 10 दिन में किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की और सवा साल में 48 हजार करोड़ के कर्जे में से सिर्फ 6 हजार करोड़ का कर्जा माफ किया। यह किसानों के साथ बड़ा धोखा था। किसानों के सर पर कर्ज की गठरी ला दी गई और वे डिफॉल्टर हो गए। इससे उन्हें फसल ऋण मिलना बंद हो गया। हमारी सरकार ऐसे प्रत्येक किसान की ब्याज की राशि भरेगी, जिससे वे डिफॉल्टर न रहे और उन्हें जीरो प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण योजना का लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री चौहान रविवार को सागर में मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना-2023 के शुभारम्भ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने योजना का विधिवत शुभारंभ किया। इसी के साथ प्रदेश की सभी 4536 कृषक प्राथमिक सहकारी समितियों में योजना के आवेदन-पत्र भरने का कार्य शुरू हो गया। मुख्यमंत्री ने पंचम लाल पटेल सहित कुछ किसानों के कर्ज माफी के फार्म भी स्वयं भरे और उन्हें ब्याज माफी प्रमाण-पत्र दिये। कृषक पंचमलाल पटेल की 8782 रुपये और जुगरेन्द्र चिरार की 40 हजार 303 रुपये की ब्याज राशि माफ की गई।

किसान अपनी सोसाइटी में आएं, सूची देखें और आवेदन भरें
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्राथमिक सहकारी समितियों में उन सबके नाम की सूची प्रकाशित की गई है, जो ब्याज की राशि न भर पाने के कारण डिफॉल्टर हो गए हैं। किसान अपनी सोसाइटी में जाएँ, सूची देखें और नि:शुल्क आवेदन भरें। वे आवेदन की पावती भी प्राप्त करें। ऐसे सभी किसानों के ब्याज की राशि सरकार भरेगी और इसी के साथ डिफाल्टर किसानों को भी जीरो प्रतिशत ब्याज पर अगली फसल के लिए फसल ऋण मिलना प्रारंभ हो जाएगा।

परिवर्तित मध्यकालिक फसल ऋण के ब्याज की राशि भी सरकार भरेगी
उन्होंने कहा कि ऐसे किसान जिनकी फसलों को नुकसान हुआ था, उनके अल्पकालिक फसल ऋण को मध्यकालिक फसल ऋण में परिवर्तित कर दिया गया था। ऐसे किसानों के ब्याज की राशि भी सरकार भरवा रही है। यह राशि लगभग 2123 करोड़ रुपये है।

2.31 लाख करोड़ से अधिक राशि किसानों के खातों में अंतरित
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने विभिन्न योजनाओं में गत 3 वर्ष में 2 लाख 31 हजार 322 करोड़ रुपये की राशि किसानों के खातों में डाली है। इसमें 94 हजार 394 करोड़ रुपये फसल उपार्जन की, 47 हजार 188 करोड़ रुपये की राशि खेती के लिये बिजली प्रदाय के अनुदान की, 15 हजार 541 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि की, 7 हजार 963 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना की, 4 हजार 82 करोड़ रुपये फसल मुआवजा की, 115 करोड़ रुपये सोलर पंप पर अनुदान की और 4375 करोड़ रुपये की कृषि अधो-संरचना विकास की राशि शामिल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सदैव किसानों के साथ खड़ी है। कोविड जैसे संकट काल में भी सरकार ने निरंतर किसान-कल्याण के कार्य किए और बड़ी राशि उनके खाते में डाली। हाल ही में हुए फसल नुकसान की राशि भी किसानों को दी गई है। यदि कोई किसान मुआवजे से छूट गये हैं तो उसका भी सर्वे करवा कर उचित मुआवजा दिया जाएगा। कार्यक्रम को सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदोरिया ने भी संबोधित किया।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और कन्याओं के पूजन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कार्यक्रम में आए किसानों का पुष्प-वर्षा कर स्वागत किया। इस मौके पर लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह, राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, सांसद राजबहादुर सिंह, विधायक प्रदीप लारिया, जन-प्रतिनिधि, अधिकारी और बड़ी संख्या में किसान बन्धु उपस्थित थे।