सतना । शहर में छह साल पहले हुए बहुचर्चित रिश्वत कांड में अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। रीवा लोकायुक्त पुलिस ने 22 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए सतना नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त सुरेंद्र कथूरिया (48) को रंगेहाथों पकड़ा था। अदालत ने मामले में आरोपित पूर्व नगर निगम आयुक्त कथूरिया को पांच के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

मामला 26 जून 2017 का है। रीवा लोकायुक्त रीवा की टीम ने पूर्व नगर निगम कमिश्नर सुरेंद्र कथूरिया को शासकीय आवास से 22 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा था। लोकायुक्त ने 12 लाख कैश और 10 लाख का सोना जब्त किया था। रिश्वत की ये रकम उन्होंने सतना नर्सिंग होम के संचालक डॉ. राजकुमार अग्रवाल और उनकी पत्नी डॉ. सुचित्रा अग्रवाल से नर्सिंग होम की तीसरी मंजिल के अवैध निर्माण को नहीं तोड़ने के एवज में मांगी थी।

शिकायतकर्ता डॉ. राजकुमार अग्रवाल ने बताया था कि कथूरिया ने उनसे 40 लाख कैश के साथ 10 लाख का सोना मांगा था। इतनी रकम दे पाने में उन्होंने असमर्थता जताई थी। लेकिन वे कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। उन्होंने लोकायुक्त एसपी रीवा से इसकी शिकायत कर दी थी। लोकायुक्त डीएसपी देवेश पाठक की टीम ने योजना बनाकर उन्हें रंगेहाथों पकड़ लिया।

पीसी एक्ट की स्पेशल कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने पूर्व कमिश्नर और राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर सुरेंद्र कथूरिया को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिया। उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अलग-अलग धाराओं में पांच साल और चार साल की सजा सुनाई। दोनों ही धाराओं में 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है।