ग्वालियर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन कांड के बाद अब शहर में कोरोना में इस्तेमाल होने वाली एक और नकली दवा का भांड़ाफोड़ हुआ है। फेविपेराविर 400(वेफीमैक्स) टेबलेट के नाम से आने वाली ये वही दवा है जो महाराष्टÑ और उड़ीसा के कटक में जांच के दौरान नकली पाई गई। लिहाजा उड़ीसा से मिले इसी नकली दवा के ग्वालियर में सप्लाई किए जाने के क्लू के बाद हरकत में आए जिला प्रशासन ने हॉस्पिटल रोड़ स्थित एमके प्लाजा के श्री महादेव मेडिकल एंड सर्जिकल से इस दवा की बड़ी खेप पकड़ी है।

करीब 8 लाख रूपए कीमत की इस दवा को ड्रग इंसपेक्टर द्वारा फ्रीज कराया गया है। इस दवा को फ्रीज किए जाने से पहले लिए गए सैंपल आज सोमवार को भोपाल लैब में जांच के लिए भेजे जाएगें। जांच के दौरान ही यह साफ हो सकेगा कि यह दवा नकली है या असली। वहीं नकली दवा के इस सनसनी खेज मामले पर प्रशासन अपनी नजर बनाए हुए है।

श्री महादेव मेडिकल एंड सर्जिकल के संचालक हरीश आहुजा के मुताबिक वह इस कंपनी के सीएडएफ है। यह दवा कंपनी द्वारा ही मंगाई गई है और इसका पेमेंट भी बैंक के जरिए किया गया है। खास बात ये है कि उड़ीसा में इस दवा के नकली पाए जाने के बाद ग्वालियर में इस दवा का स्टॉक तो पकड़ लिया गया है, लेकिन यह दवा ग्वालियर से छतरपुर और मुरैना भी सप्लाई हो चुकी है। अब इस मामले के सामने आने के बाद सप्लाई की गई इस फेवीपेराविर 400 टेबलेट दवा को वापस मंगाए जाने के निर्देश सीएंडएफ संचालक को दिए गए है।

उड़ीसा के कटक जिले के तुलसीपुर कनिका चौक स्थित दवा के होलसेल मार्केट के जरिए नकली दवा खपाए जाने की खबर थी। लिहाजा बीते शुक्रवार को ड्रग्स कंट्रोल विभाग और पुलिस की ज्वाइंट टीम ने एक थोक दवा विक्रेता के यहां छापामार कार्रवाई करते हुए फविपेराविर 400 की दवा जब्त की। जांच के दौरान पाया गया कि ये दवा नकली है और कंपनी ने हजारों लोगों के साथ दवा के नाम पर धोखा किया है। मामले की जांच जब गहरी हुई तो पता चला कि इस नकली दवा की सप्लाई देश के कई राज्यो के साथ-साथ मप्र के ग्वालियर में भी हुई है। लिहाजा इस बात की जानकारी उड़ीसा ड्रग कंट्रोलर के जरिए ग्वालियर के ड्रग कंट्रोलर दिलीप अग्रवाल को दी गई। सूचना मिलने के बाद ड्रग कंट्रोलर ने माधव डिसपेंसरी के सामने स्थित एमके प्लाजा में संचालित होने वाले श्री महादेव मेडीकल एंड सर्जिकल पर फेविपेराविर 400 की 570 टेबलेट जब्त की गई।

वर्जन
नकली दवा से संबधित जानकारी प्राप्त हुई है। जिस दवा को नकली बताया जा रहा है उसे फिलहाल फ्रीज कर जांच के लिए भोपाल भेजा जा रहा है।
कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर ग्वालियर

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