भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है, जिसमें अवैध तरीके से बैंक खाते खोलकर उन्हें बेचने का गोरखधंधा किया जा रहा था. इस मामले में पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है।

घटना का खुलासा 19 दिसंबर को हुआ जब बैंक ऑफ महाराष्ट्र की कोलार रोड शाखा ने पुलिस को सूचना दी कि एक खाता धारक राहुल श्रीवास्तव के खातों में पिछले 2-3 महीनों में तीन करोड़ रुपये के लेन-देन हुए हैं। जांच के दौरान पाया गया कि खातों में सितंबर 2024 से दिसंबर 2024 के बीच करीब 1.82 करोड़ रुपये की डेबिट और क्रेडिट ट्रांजेक्शन हुई थी. इसके अलावा, दूसरे खाते में भी करीब 95 लाख रुपये का लेन-देन हुआ था।

पुलिस की पूछताछ में राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि रायसेन जिले के रहने वाले घनश्याम सिंगरोले के कहने पर उसने अपने दो बैंक खातों का एक्सेस दिया था. इसके बदले उसे 45,000 रुपये मिले थे. बाद में उसे पता चला कि उसकी पत्नी के नाम से भी फर्जी बैंक खाते खोले गए हैं, जिनकी अनुमति उसने नहीं दी थी।

राहुल ने खुलासा किया कि घनश्याम ने उसे लालच दिया था कि यदि वह करंट अकाउंट खोलकर देगा तो उसे कमीशन मिलेगा. इसके बाद घनश्याम ने राहुल की मुलाकात निकिता प्रजापति और नीतीश शुक्ला से कराई. यह गिरोह अवैध तरीके से फर्जी दस्तावेज बनाकर बैंक खाते खोलता और उन्हें दूसरों को बेचकर फायदा कमाता था।

पुलिस ने कैश और 34 क्रेडिट/डेबिट कार्ड किए बरामद
पुलिस ने भोपाल के बागसेवनिया इलाके में छापा मारकर निकिता और नीतीश को गिरफ्तार किया. उनके घर से 8 लाख रुपये नकद, 3 कार्ड स्वैपिंग मशीन, 6 मोबाइल फोन, 34 क्रेडिट/डेबिट कार्ड, 77 सिम कार्ड, 20 चेक, 12 एटीएम पिन रैपर, 1 लैपटॉप और अन्य सामान बरामद हुआ।

इस मामले में पुलिस ने राहुल श्रीवास्तव को भी गिरफ्तार किया, क्योंकि उसने जानबूझकर अपना खाता बेचा था. गिरोह के अन्य सदस्य घनश्याम और उसके साथियों के खिलाफ धारा 318(4), 49, 336(3) और 61(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस का कहना है कि इस गिरोह ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खातों का गलत इस्तेमाल कर लाखों रुपये का अवैध लाभ अर्जित किया है।